शादी-विवाह में गाना बजाना कॉपीराइट कानून का उल्लंघन नहीं : सरकार

विभाग ने आम जनता से भी कहा कि वे किसी भी व्यक्ति या संगठन अथवा कॉपीराइट सोसायटी की इस धारा का उल्लंघन करने वाली किसी भी अनावश्यक मांग को स्वीकार न करें.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

सरकार ने स्पष्ट किया कि शादियों में गाने बजाना कॉपीराइट कानून का उल्लंघन नहीं है और कोई भी ऐसी गतिविधियों के लिए रॉयल्टी नहीं ले सकता है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि उसे कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 52 (1) (जेडए) की भावना के उलट शादी-विवाह में गाना बजाने को लेकर कॉपीराइट सोसायटी से रॉयल्टी लिये जाने के बारे में आम लोगों और अन्य पक्षों से कई शिकायतें मिली हैं.

अधिनियम की धारा 52 कुछ ऐसे कार्यों से संबंधित है जिसमें कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होता है. डीपीआईआईटी ने कहा कि धारा 52 (1) (जेडए) विशेष रूप से किसी धार्मिक समारोह या आधिकारिक समारोह के दौरान साहित्यिक, नाटकीय अथवा गाना बजाने या ‘साउंड रिकॉर्डिंग के प्रदर्शन का उल्लेख करती है. यह कहीं से भी कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है.

इसमें कहा गया है कि धार्मिक समारोह में विवाह और विवाह से जुड़े अन्य सामाजिक कार्य शामिल हैं. डीपीआईआईटी ने कहा, ‘‘इसको देखते हुए कॉपीराइट सोसायटी को किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिये अधिनियम की धारा 52 (1) (जेडए) के उल्लंघन वाले कार्यों से परहेज करने का निर्देश दिया जाता है.''

विभाग ने आम जनता से भी कहा कि वे किसी भी व्यक्ति या संगठन अथवा कॉपीराइट सोसायटी की इस धारा का उल्लंघन करने वाली किसी भी अनावश्यक मांग को स्वीकार न करें.

Featured Video Of The Day
आज की 5 बड़ी खबरें | Waqf Law | Supreme Court | Mamata Banerjee | Robert Vadra |National Herald Case