टाइम से भर रहे लोन, फिर भी गिर रहा क्रेडिट स्कोर, कहीं वजह ये तो नहीं… जानें अंदर की ABCD

भारत में सिबिल स्कोर और रिपोर्ट जारी करने की जिम्मेदारी क्रेडिट ब्यूरो की है. क्रेडिट ब्यूरो के पास हर एक भारतीय नागरिक के पैन कार्ड की डिटेल्स होती है, जिसके जरिए वो बैंक से आपके लिए गए लोन की जानकारी लेते रहते हैं.

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  • सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जो आपकी क्रेडिट योग्यता का संकेत देता है
  • क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड, सभी भारतीय नागरिकों के लोन और क्रेडिट डिटेल्स की जानकारी रखता है
  • समय पर लोन चुकाने के बावजूद अगर बैंक क्रेडिट ब्यूरो को अपडेट नहीं भेजता तो स्कोर गिर सकता है
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क्रेडिट स्कोर, इसका नाम तो कई बार सुना ही होगा, इसके बारे में जानते भी होंगे. पर क्या आपको ये पता है कि टाइम से लोन भरने के बाद भी ये स्कोर नीचे जा सकता है. हैरानी हुई! जी हां ये बात सही है. इसके लिए आपको क्रेडिट स्कोर की पूरी ABCD समझनी होगी. क्रेडिट स्कोर क्या है, कैसे काम करता है, बैंकों को इसके बारे में जानकारी कब मिलती है. ये सभी जानने के बाद आप समझ जाएंगे अंदर की कहानी क्या है.

क्या है ये सिबिल स्कोर?

CIBIL स्कोर का पूरा नाम है क्रेडिट इन्फॉर्मेशन स्कोर. इसकी लिमिट 300 से 900 के बीच होती है. यानी जितना आपका स्कोर 300 के करीब होगा, उसे खराब सिबिल माना जाएगा. वहीं, जितना 900 के करीब होगा, वो एक अच्छा सिबिल स्कोर होगा. सिबिल स्कोर का बनाने का मकसद सिर्फ इतना था कि आपको लोन देने से पहले बैंक आपकी हिस्ट्री चेक कर सकें. सिबिल स्कोर के साथ ही सिबिल रिपोर्ट जारी की जाती है, जिसमें लोन लेने से लेकर उसे चुकाने तक की जानकारी होती है. आसान भाषा में कहें तो सिबिल एक शीशा है और उसमें बैंक देख पाता है कि आपको लोन देने के बाद कहीं वो फंस तो नहीं जाएगा.

कौन जारी करता है सिबिल स्कोर और रिपोर्ट?

भारत में सिबिल स्कोर और रिपोर्ट जारी करने की जिम्मेदारी क्रेडिट ब्यूरो (ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड) की है. क्रेडिट ब्यूरो के पास हर एक भारतीय नागरिक के पैन कार्ड की डिटेल्स होती है, जिसके जरिए वो बैंक से आपके लिए गए लोन की जानकारी लेते रहते हैं. मान लीजिए आपने 'बैंक A' से 10 हजार रुपये का लोन लिया. तो बैंक इसकी जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को दे देगा. साथ ही समय-समय पर इस लोन पर अपडेट भी बैंक ब्यूरो को देता रहेगा. अब आपने 'बैंक B' से 15 हजार रुपये के लोन का आवेदन किया. तो बैंक B आपके बारे में जानकारी क्रेडिट ब्यूरो से लेगा, जिससे पता चल सकेगा कि आप पहले भी एक लोन ले चुके हैं और उसे समय पर चुका पा रहे हैं या नहीं.

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अगर बैंक B को पता चला कि आप पहले वाले बैंक का लोन ठीक से नहीं चुका पा रहे तो फिर आपको दूसरा लोन देने से मना कर दिया जाएगा, या फिर महंगे ब्याज दर पर बैंक देने के लिए राजी होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आपको लोन देने में रिस्क है.

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क्रेडिट ब्यूरो तक नहीं पहुंच पा रही जानकारी

अब आते हैं अपनी बात पर कि आप समय से लोन चुका रहे हैं पर फिर भी सिबिल गिर रहा है... ऐसा इसलिए, मान लीजिए आप तो हर महीने लोन चुका रहे हैं पर आपका बैंक इसकी जानकारी क्रेडिट ब्यूरो तक नहीं दे पा रहा हो, जिसकी वजह से आपकी सिबिल रिपोर्ट अपडेट नहीं हो पा रही. इसमें आपकी कोई गलती नहीं पर खामियाजा आपको भुगतना पड़ रहा है.

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बैंक से करें तुरंत संपर्क

इसलिए समय से लोन की किस्त चुकाना ही काफी नहीं है. अगर आपको लगता है कि सिबिल गिरता जा रहा है. रिपोर्ट में कोई अपडेट नहीं हो रहा, तो फिर तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें. हो सकता है कुछ टेक्निकल समस्या की वजह से जानकारी आगे नहीं जा पा रही हो. 

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