सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) में स्विच करने की डेडलाइन भी बढ़ा दी गई है. जिससे करोड़ों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने वाली है. अब केंद्रीय कर्मचारी 30 नवंबर 2025 तक अपने पसंद की पेंशन स्कीम (Pension scheme) को चुन सकते हैं. बता दें कि UPS इस साल 1 अप्रैल से लागू हुई थी. पहले इसकी डेडलाइन 30 जून थी, फिर बढ़ाकर 30 सितंबर की गई थी, और अब इसे दूसरी बार बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है.
अगर इस तारीख से पहले NPS से NPS में स्विच करने का फैसला नहीं किया तो ये मान लिया जाएगा कि आप NPS में ही रहना चाहते हैं.ऐसे में अगर आप सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं और यह सोच रहे हैं कि UPS में स्विच करने के बाद क्या NPS अकाउंट रखा जा सकता है या नहीं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है.
क्या है UPS स्कीम और कौन ले सकता है फायदा?
UPS यानी Unified Pension Scheme, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू की गई एक नई पेंशन योजना है. इस स्कीम का फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्हें 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त किया गया है और जो NPS से UPS में स्विच करना चाहते हैं. इस स्कीम में हर महीने कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन मिलती है.
सरकार ने क्यों बढ़ाई डेडलाइन?
दरअसल, UPS में स्विच को लेकर अब तक सरकारी कर्मचारियों का रुख थोड़ा धीमा रहा है. इसलिए सरकार ने इसमें कई बदलाव किए हैं ताकि यह स्कीम और आकर्षक बने.नए नियमों में स्विचिंग प्रोसेस, रिजाइन या कंपल्सरी रिटायरमेंट पर मिलने वाले फायदों और टैक्स छूट से जुड़े प्रावधान जोड़े गए हैं. इन बदलावों के बाद कई कर्मचारियों ने फैसला करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसके बाद सरकार ने डेडलाइन 30 नवंबर तक बढ़ा दी.
क्या UPS चुनने के बाद भी NPS अकाउंट रखा जा सकता है?
यह सबसे बड़ा सवाल है कि क्या UPS में स्विच करने के बाद भी NPS अकाउंट रखा जा सकता है? कई कर्मचारियों के मन में ये सवाल चल रहा है. इसका जवाब है हां, लेकिन एक शर्त के साथ.कर्मचारी UPS लेने के बाद भी NPS अकाउंट खोल सकते हैं, लेकिन वह All Citizen Model के तहत होना चाहिए, यानी यह पूरी तरह वॉलेंटरी (स्वैच्छिक) होगा.
PFRDA ने किया स्पष्ट
PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) ने अपनी वेबसाइट पर FAQs में यह बात साफ की है और कहा, "UPS सब्सक्राइबर NPS के तहत Tier-I और Tier-II अकाउंट वॉलेंटरी बेसिस पर All Citizen Model के जरिए खोल सकते हैं."
यानि अगर आप UPS में हैं तो भी NPS के दोनों अकाउंट खोल सकते हैं और उसका फायदा ले सकते हैं.
NPS के Tier-1 और Tier-2 अकाउंट क्या हैं?
Tier-1 अकाउंट आपका मेन पेंशन अकाउंट होता है, जिसमें निवेश लंबी अवधि के लिए लॉक रहता है. रिटायरमेंट के बाद इसी से रेगुलर पेंशन मिलती है. वहीं, Tier-2 अकाउंट एक फ्लेक्सिबल इन्वेस्टमेंट अकाउंट होता है, जहां पैसे निकालने और डालने की पूरी आजादी होती है. टैक्स बेनिफिट भी इसमें मिल सकते हैं.
UPS और NPS में क्या अंतर है?
UPS सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है और इसमें तय पेंशन मिलती है. इसमें सरकार की ओर से गारंटीड योगदान रहता है.वहीं NPS सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला है, जिसमें मार्केट लिंक्ड रिटर्न मिलता है. इसमें निवेशक के पैसे मार्केट में इन्वेस्ट होकर बढ़ते हैं, इसलिए रिटर्न तय नहीं होता लेकिन ग्रोथ की संभावना ज्यादा होती है.
दोनों अकाउंट से डबल फायदा!
कर्मचारियों के लिए अच्छी बात यह है कि UPS में स्विच करने के बाद भी अगर वे NPS के तहत All Citizen Model में अकाउंट खोलते हैं, तो उन्हें डबल फायदा मिल सकता है .एक तरफ UPS से तय पेंशन की सुरक्षा और दूसरी तरफ NPS से मार्केट रिटर्न का फायदा. साथ ही NPS के जरिए टैक्स बेनिफिट और इन्वेस्टमेंट फ्लेक्सिबिलिटी भी मिलती है.
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अब यह एक बढ़िया मौका है कि वे अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को मजबूत बना सकें. UPS से जहां पेंशन की गारंटी मिलती है, वहीं NPS उन्हें इन्वेस्टमेंट का एक्स्ट्रा ऑप्शन देता है. इसलिए अगर आपने अभी तक फैसला नहीं किया है, तो 30 नवंबर से पहले जरूर तय करें कि आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा.
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