NPS New Rules 2025: अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करते हैं या करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद काम की है. पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने NPS के नियमों में 10 बड़े बदलाव किए हैं, जिनका मकसद सब्सक्राइबर्स को ज्यादा लचीलापन, ज्यादा कैश और बेहतर रिटायरमेंट प्लानिंग का विकल्प देना है. ये नए नियम सरकारी और निजी, दोनों सेक्टर में काम करने वालों पर लागू होंगे.
नौकरीपेशा लोगों के लिए ये बदलाव फायदेमंद साबित हो सकते हैं. आइए आसान भाषा में समझते हैं NPS के नए नियम और उनके फायदे...
1. उम्र सीमा में बढ़ोतरी
अब NPS में 85 साल की उम्र तक बने रह सकते हैं. पहले यह सीमा 75 साल थी. इससे बुजुर्ग निवेशकों को लंबे समय तक निवेश और निकासी की सुविधा मिलेगी.
2. एन्युटी में निवेश की सीमा घटी
नए नियमों के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अपनी कुल जमा रकम का सिर्फ 20% हिस्सा पेंशन (एन्युटी) में लगाना होगा. पहले नियम यह था कि अगर आपका फंड 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको कम से कम 40% पैसा एन्युटी में लगाना पड़ता था. इस बदलाव से रिटायरमेंट के समय आपके हाथ में ज्यादा कैश आएगा, जिसे आप अपनी जरूरतों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
3. 8 लाख तक पूरा पैसा निकालने की छूट
सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के सब्सक्राइबर्स का अगर कुल फंड 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो 100% पैसा एकमुश्त निकाल सकते हैं.
4. किस्तों में निकासी का नया विकल्प
PFRDA ने म्यूचुअल फंड की तरह SUR (Systematic Unit Redemption) की सुविधा दी है. जिनका फंड 8 से 12 लाख के बीच है, वे 6 लाख तक एकमुश्त और बाकी रकम किस्तों में ले सकते हैं.
5. 8–12 लाख फंड वालों के लिए नए विकल्प
ये बदलाव उन सब्सक्राइबर्स के लिए अहम है, जिनका NPS फंड 8 लाख से 12 लाख रुपये के बीच है. ऐसे मामलों में सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर पैसा निकालने के लिए तीन अलग-अलग विकल्प मिलेंगे.
- पहला विकल्प यह होगा कि वे 6 लाख रुपये एक साथ निकाल लें और बची हुई रकम को कम से कम 6 साल तक किस्तों में (SUR के जरिए) हासिल करें.
- दूसरे विकल्प में कर्मचारी 6 लाख रुपये कैश लेकर, बाकी रकम से पेंशन प्लान (एन्युटी) खरीद सकते हैं.
- तीसरा विकल्प यह रहेगा कि वे अपने कुल रिटायरमेंट फंड का 60% हिस्सा टैक्स-फ्री कैश के रूप में लें और कम से कम 40% रकम से एन्युटी खरीदें.
वहीं प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए पहले दो विकल्प समान रहेंगे. इसके अलावा उन्हें यह सुविधा भी दी गई है कि वे अपने कुल फंड का 80% हिस्सा कैश निकाल सकते हैं, जबकि सिर्फ 20% राशि से एन्युटी खरीदना अनिवार्य होगा.
6. आंशिक निकासी की लिमिट बढ़ी
अब 60 साल से पहले 4 बार पैसा निकाल सकते हैं. पहले यह सीमा 3 बार थी. हर दो निकासी के बीच कम से कम 4 साल का अंतर होना चाहिए.
7. रिटायरमेंट के बाद भी निकासी संभव
60 साल के बाद भी NPS में बने रहने वाले लोग जमा रकम का 25% तक निकाल सकते हैं. दो विड्रॉल के बीच 3 साल का गैप जरूरी है.
8. नागरिकता छोड़ने पर पूरा पैसा मिलेगा
अगर कोई सब्सक्राइबर भारत की नागरिकता छोड़ता है, तो वह पूरा जमा पैसा एकमुश्त निकाल सकता है.
9. लापता सब्सक्राइबर के लिए अंतरिम राहत
सब्सक्राइबर के लापता या मृत माने जाने पर नॉमिनी को 20% फंड तुरंत मिलेगा. बाकी 80% कानूनी प्रक्रिया पूरी होने पर रिलीज होगा.
10. अकाउंट का नया नाम
अब “परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट” की जगह “इंडिविजुअल पेंशन अकाउंट” शब्द का इस्तेमाल होगा, ताकि अकाउंट की पहचान ज्यादा साफ हो सके.
NPS के ये 10 बदलाव निवेशकों को ज्यादा आजादी और जरूरत के मुताबिक पैसा निकालने की सुविधा देते हैं. नए नियमों से रिटायरमेंट की योजना बनाना पहले से आसान हो गया है. अगर आप भविष्य में आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं, तो अब NPS एक ज्यादा फायदेमंद विकल्प बन गया है.














