रेलवे स्टेशन पर लोगों को जल्द ही पैन कार्ड (Pan card) बनवाने की फैसिलिटी मिलने वाली है. पैन कार्ड के अलावा रेल यात्री अपने फोन को रिचार्ज करने, बिजली के बिलों का भुगतान करने, आधार के आवेदन भरने और यहां तक कि टैक्स फाइल करने में भी सक्षम होंगे. इसके लिए रेलटेल (Railtel) भारत में 200 रेलवे स्टेशनों पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) कियोस्क लगा रही है. कियोस्क का नाम 'रेलवायर साथी कियोस्क' ('RailWire Saathi Kiosks) रखा गया है और रेलवायर रेलटेल की रिटेल ब्रॉडबैंड सर्विस का ब्रांड नेम है.
विलेज एंटरप्रेन्योर अपडेट करेंगे कियोस्क
CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CSC-SPV) और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री के सहयोग से इसे लॉन्च किया जा रहा है. ज्यादातर कियोस्क को विलेज एंटरप्रेन्योर ऑपरेट करेंगे. CSC पर दी जाने वाली सेवाओं में यात्रा टिकट (ट्रेन, हवाई, बस, आदि), आधार कार्ड, वोटर कार्ड, मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल भुगतान, पैन कार्ड, आयकर, बैंकिंग, बीमा और कई अन्य सर्विसेज शामिल है.
वाराणसी और प्रयागराज में पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च
वाराणसी सिटी और प्रयागराज सिटी स्टेशनों पर कियोस्क को पायलट बेसिस पर शुरू किया गया है. इसी तरह के कियोस्क लगभग 200 रेलवे स्टेशनों पर फेज वाइज मैनर में लगाए जाएंगे. ज्यादातर कियॉस्क ग्रामीण इलाकों में रहेंगे. इनमें से 44 साउथ सेंट्रल रेलवे जोन में, 20 नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे में, 13 ईस्ट सेंट्रल रेलवे में, 15 वेस्टर्न रेलवे में, 25 नॉर्दन रेलवे में, 12 वेस्ट सेंट्रल रेलवे में, 13 ईस्ट कोस्ट रेलवे में और 56 नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे में रहेंगे.
रेलटेल के CMD पुनीत चावला ने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अक्सर विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाओं या डिजिटाइजेशन का लाभ उठाने में इंफ्रास्ट्रक्चर/रिसोर्सेज की कमी के साथ-साथ इंटरनेट की जानकारी की कमी के कारण मुश्किल होती है. रेलवायर साथी कियोस्क रूरल पापुलेशन को सपोर्ट करने के लिए रूरल रेलवे स्टेशन्स में इन आवश्यक डिजिटल सर्विसेज को लाएंगे."
रेलटेल का वाई-फाई 6,090 स्टेशनों पर उपलब्ध
रेलटेल ने दुनिया के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड वाई-फाई नेटवर्क में से एक का निर्माण किया है, जिसमें पब्लिक वाई-फाई (ब्रांड नाम 'रेलवायर' के तहत) 6,090 स्टेशनों पर उपलब्ध है. इनमें से 5,000 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं. कंपनी के अनुसार रेलटेल, CSC के सहयोग से, स्टेशनों पर मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सर्विसेज लाना चाहती है.