New Rules: 1 अप्रैल से बदल गए UPI के नियम, मोबाइल नंबर इनएक्टिव हुआ तो नहीं कर पाएंगे पेमेंट

UPI Rule Change: UPI से हर महीने करोड़ों ट्रांजेक्शन होते हैं और यह भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है. लेकिन अगर आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है, तो आपकी बैंकिंग सर्विस पर असर पड़ सकता है.

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New UPI Rule Changes From Today: NPCI का यह नया नियम UPI सिस्टम को और मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए लागू किया गया है, ताकि डिजिटल पेमेंट्स में धोखाधड़ी और गलत ट्रांजेक्शन को रोका जा सके.
नई दिल्ली:

New Rules For UPI payments: अगर आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है, तो आज से यानी 1 अप्रैल 2025 से UPI ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं, जिससे इनएक्टिव मोबाइल नंबरों की UPI आईडी अपने आप डीएक्टिव हो जाएगी. इस बदलाव का मकसद डिजिटल पेमेंट्स को और ज्यादा सिक्योर बनाना और कस्टमर एक्सपीरियंस बेहतर करना है. 

ऐसे में अगर आप बिना रुकावट के Google Pay, PhonePe या Paytm जैसे UPI ऐप्स का इस्तेमाल जारी रखना चाहते हैं, तो अपने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को एक्टिव रखना जरूरी होगा. आइए जानते हैं इननए नियमों का आपकी डिजिटल पेमेंट्स पर क्या असर पड़ेगा.

UPI से जुड़े नए नियम क्या हैं?

इनएक्टिव नंबर पर बंद हो जाएगी UPI सर्विस

अगर आपका बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर 90 दिनों से ज्यादा समय तक इनएक्टिव रहा है, तो आपकी UPI ID ऑटोमैटिकली डीएक्टिवेट हो जाएगी.

टेलीकॉम डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार, डिसकनेक्ट होने पर मोबाइल नंबर 90 दिन बाद एक नए यूजर को असाइन किया जा सकता है. अगर किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर कॉल, मैसेज या डेटा के साथ इस्तेमाल न किया जा रहा हो तो ऐसे नंबर को टेलीकॉम प्रोवाइडर्स डिएक्टिवेट कर देते हैं. इन नंबरों को रिसाइकल या चर्न्ड नंबर कहा जाता है.

बैंक और UPI ऐप्स को हर हफ्ते अपडेट करने होंगे मोबाइल नंबर

NPCI ने बैंकों और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) को यह अनिवार्य किया है कि वे हर हफ्ते अपने यूजर्स के मोबाइल नंबर अपडेट करें. इससे गलत UPI ट्रांजेक्शन और फ्रॉड से बचाव होगा.

नए यूजर को असाइन किए गए नंबर पर पुरानी UPI ID नहीं चलेगी

अगर कोई पुराना नंबर नया यूजर को असाइन किया जाता है, तो उसके साथ जुड़ी पुरानी UPI ID काम नहीं करेगी. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नए यूजर को पुराने यूजर की बैंकिंग डिटेल्स तक एक्सेस न मिले.

UPI ID के लिए यूजर से लेनी होगी इजाजत

अब बैंकों और UPI ऐप्स को अपने ग्राहकों से इजाजत लेनी होगी कि वे न्यूमेरिक UPI ID फीचर का इस्तेमाल करना चाहते हैं या नहीं. यह ऑप्शन डिफॉल्ट रूप से ऑप्ट-आउट रहेगा, यानी यूजर को इसे मैन्युअली ऑन करना होगा.

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आपके लिए यह बदलाव क्यों जरूरी है?

UPI से हर महीने करोड़ों ट्रांजेक्शन होते हैं और यह भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है. लेकिन अगर आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है, तो आपकी बैंकिंग सर्विस पर असर पड़ सकता है. इसलिए, इन नियमों को समझकर अपने बैंक रिकॉर्ड को अपडेट रखें ताकि बिना किसी परेशानी के UPI सर्विस का फायदा उठा सकें.

बीते साल UPI ट्रांजेक्शन में भारी उछाल

2024 में भारत में UPI ट्रांजेक्शन में जबरदस्त उछाल आया. सालभर में कुल 172.2 अरब UPI ट्रांजेक्शन हुए, जो 2023 के मुकाबले 46% ज्यादा है. NPCI का यह नया नियम UPI सिस्टम को और मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए लागू किया गया है, ताकि डिजिटल पेमेंट्स में धोखाधड़ी और गलत ट्रांजेक्शन को रोका जा सके.

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अगर आप UPI का इस्तेमाल जारी रखना चाहते हैं, तो अपने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को एक्टिव रखें और समय-समय पर इसे अपडेट करना न भूलें.

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