केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं. फॉर्म्स को 30 मार्च, 2022 की अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया गया है. इस साल आईटीआर फॉर्म में पिछली साल के मुकाबले कोई खास बदलाव नहीं किया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से कहा जा रहा है कि कोरोना संकट और करदाताओं के लिए चीजों को सुगम बनाए रखने के लिए पिछले साल के आईटीआर फॉर्म में कोई अहम बदलाव नहीं किए गए हैं. CBDT के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन की वजह से सिर्फ कुछ मामूली बदलाव किए गए हैं.
करदाताओं के पास अब उनके निवेश की डिटेल भरने के लिए आईटीआर फॉर्म – सहज (आईटीआर-1), फॉर्म आईटीआर-2, फॉर्म आईटीआर-3, फॉर्म आईटीआर-4 (सुगम), फॉर्म आईटीआर-5, फॉर्म आईटीआर-6, आईटीआर -7 और फॉर्म आईटीआर-V फॉर्म में जगह होगी.
ITR का फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सबसे सहज फॉर्म हैं, जिनका इस्तेमाल छोटे और मध्यम करदाता करते हैं. सहज फॉर्म उन लोगों के लिए होती है, जिनकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक होती है.
ITR -2 ऐसे लोगों को दाखिल करना होगा जिनके पास म्यूचुअल फंड, स्टॉक आदि जैसी संपत्तियों की बिक्री से पूंजीगत लाभ है या एक से अधिक गृह संपत्ति है. हालांकि, अगर वे व्यवसाय या पेशे से लाभ प्राप्त करते हैं तो वे आईटीआर -2 का उपयोग नहीं कर सकते. हालांकि ITR-2 फॉर्म में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. इस साल भी, व्यक्तियों को अपने नियोक्ता के एक्सट्रा डिटेल्स देने की जरूरत होगी.
ITR-3 उन लोगों द्वारा दाखिल किया जाता है जिनकी आय व्यवसाय/प्रोफेशन से लाभ के रूप में होती है.
ITR-4, जिसे सुगम के रूप में भी जाना जाता है, व्यक्तियों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए लागू है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और व्यवसाय या पेशे से आय है. व्यवसाय या पेशे से होने वाली आय की गणना सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाती है. यह किसी ऐसे शख्स के लिए नहीं है जो या तो किसी कंपनी में डायरेक्टर है या उसने गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में इंवेस्ट किया है या यदि ईएसओपी पर आयकर स्थगित कर दिया गया है या कृषि आय 5,000 रुपये से अधिक है.
ITR-5 एलएलपी द्वारा दाखिल किया जाता है. कंपनियां ITR फॉर्म-6 भर सकती हैं. ट्रस्ट, राजनीतिक दल और चैरिटेबल संस्थाएं , जो आयकर अधिनियम के तहत छूट का क्लेम करते हैं, उनके लिए आईटीआर फॉर्म-7 है.
इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2020-2021 में 2.38 करोड़ से ज्यादा करदाताओं को 2.62 लाख करोड़ रुपये रिफंड के रूप में जारी किया है. यह 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच का रिफंड है.