- महिंद्रा बोलेरो का पहला मॉडल साल 2000 में लगभग पांच लाख रुपये की कीमत में लॉन्च हुआ था
- पहली बोलेरो का डिजाइन बॉक्सी और यूटिलिटेरियन था, जो खराब सड़कों और उबड़-खाबड़ रास्तों के लिए उपयुक्त था
- शुरुआती बोलेरो में 2.5 लीटर का प्यूजो XD3P डीजल इंजन था, जो दमदार टॉर्क के लिए जाना जाता था
महिंद्रा बोलेरो.यह नाम सिर्फ एक गाड़ी का नहीं है, बल्कि भारत के गांव, शहर के और उन उबड़-खाबड़ रास्तों पर एक भरोसा है, जहां डामर की रोड खत्म हो जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल 2000 में जब पहली महिंद्रा बोलेरो 5 लाख रुपये की कीमत के साथ लॉन्च हुई थी, तब वह भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार के लिए एक क्रांति थी. कुछ दिनों पहले महिंद्रा ने बोलेरो 2025 लॉन्च की. इस खबर में आपको 25 साल पहले ले चलते हैं, बोलेरो के उस शानदार सफर पर जो अभी तक बिना ब्रेक लिए लगातार नई कहानियां लिख रहा है.
कैसी थी महिंद्रा की पहली बोलेरो?
- डिजाइन: बॉक्सी लुक
पहली बोलेरो का जन्म महिंद्रा के पुराने मॉडल, आर्मडा के प्लेटफॉर्म पर हुआ था, लेकिन इसका टारगेट बिल्कुल साफ था कि एक ऐसी गाड़ी जो मजबूत हो, साथ ही जिसकी मरम्मत आसानी से हो सके. उस जमाने की पहली बोलेरो में आज की मॉडर्न एसयूवी जैसा चिकना, गोल डिजाइन नहीं था. इसकी पहचान बॉक्सी और यूटिलिटेरियन डिजाइन थी. इसका ऊंचा ग्राउंड क्लीयरेंस और मजबूत लैडर-फ्रेम चेसिस इसे खराब सड़कों, बड़े गड्ढों और कीचड़ भरे रास्तों पर बेधड़क चलने की ताकत देता था.
- इंजन और टेक्नोलॉजी
बोलेरो ने अपने इंजन के ही दम पर अपनी पहचान बनाई. शुरुआती बोलेरो मॉडल में 2.5-लीटर का प्यूजो XD3P डीजल इंजन दिया गया था. यह इंजन अपनी दमदार टॉर्क और विश्वास के लिए जाना जाता था. यह कोई रेसिंग कार नहीं थी, लेकिन किसी भी लोड या उबड़-खाबड़ रास्ते पर खींचने की ताकत जानदार थी.
- कम फीचर्स, ज्यादा काम
पहली बोलेरो में आज के जैसे टचस्क्रीन, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल या ADAS जैसे फीचर्स नहीं थे. इसमें जो कुछ भी था, वह काम का था, जैसे पावर स्टीयरिंग (जो बाद में आया), एयर कंडीशनिंग, और सेंट्रल लॉकिंग (टॉप मॉडल में). यानी यह अपने फीचर्स के लिए नहीं बल्कि दमदार पॉवर के लिए जानी जाती थी.
- कितनी थी कीमत
4.98 लाख रुपये के करीब लॉन्च होकर, इसने 7-सीटर होने के सपने को लाखों भारतीय परिवारों के लिए मजेदार बना दिया. यह शहरों और गांवों के बीच लोगों और सामान को ले जाने वाली वर्कहॉर्स बन गई.