- आयकर विभाग दो से तीन सप्ताह में इनकम टैक्स रिफंड जारी करता है, लेकिन कुछ मामलों में देरी हो सकती है
- ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य है, यदि 30 दिन के भीतर न किया गया तो रिटर्न अधूरा माना जाएगा और रिफंड रुक जाएगा
- गलत बैंक डिटेल्स या बैंक अकाउंट बंद होने से रिफंड अटक सकता है, इसलिए प्री-वैलिडेटेड बैंक जानकारी जरूरी है
ITR Refund Status: फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने के बाद, लाखों टैक्सपेयर्स अब अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. सामान्यतौर पर 2 से 3 हफ्ते के बीच में टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड जारी कर देता है. अगर इसके बाद भी रिफंड में देरी होती है तो टैक्सपेयर्स की चिंता बढ़ जाती है. आपको इस खबर में बताते हैं कि रिफंड में देरी की वजह क्या हो सकती है, साथ ही कोई समस्या होने पर कैसे इससे छुटकारा पाया जा सकता है.
रिफंड में देरी की वजह
- जांच में देरी
₹20,000 या उससे अधिक के रिफंड वाले मामलों की जांच विभाग AI के साथ मैन्युअली करता है, जिसकी वजह से बड़े रिफंड वाले मामलों की स्क्रूटनी में अधिक समय लग रहा है. इसके अलावा ज्यादा डिडक्शन क्लेम, बिजनेस इनकम या विदेशी इनकम वाले रिटर्न का भी एक्सट्रा वेरिफिकेशन हो रहा है.
- ई-वेरिफिकेशन न होना
ITR फाइल करने के बाद, 30 दिन के भीतर उसका ई-वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य है. यदि यह नहीं किया गया है, तो आपका रिटर्न अधूरा माना जाएगा और रिफंड प्रोसेस शुरू नहीं होगा.
- गलत बैंक डिटेल्स
रिफंड केवल उसी बैंक खाते में आता है जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर 'प्री-वैलिडेट' हो. IFSC कोड गलत डालना, अकाउंट नंबर गलत होना, या बैंक अकाउंट में नाम का PAN कार्ड के नाम से मेल न खाना, इन वजहों से भी रिफंड अटक सरता है. या फिर ITR में दिए गए बैंक खाते का बंद हो जाना.
- डेटा मिसमैच
ITR में दी गई जानकारी का फॉर्म 26AS या AIS में दिए गए TDS और अन्य डेटा से मेल न खाना भी रिफंड के प्रोसेस में देरी ला सकता है.
रिफंड में देरी होने पर क्या करें?
यदि आपका रिफंड 4 से 5 हफ्ते बाद भी नहीं आए, तो आप इन 5 ऑप्शन पर काम कर सकते हैं.
- स्टेटस चेक करें
आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in पर अपने PAN और पासवर्ड से लॉग-इन करें.
ई-फाइल के ऑप्शन में इनकम टैक्स रिटर्न्स का चुनाव करें. इसके बाद व्यू फिल्ड रिटर्न्स पर जाकर रिफंड स्टेटस देखें.
- ई-वेरिफिकेशन जांचें
आपने 30 दिन के अंदर अपना ITR ई-वेरीफाई कर दिया है. अगर नहीं, तो तुरंत करें.
- बैंक अकाउंट चेक करें
पोर्टल पर जाकर देखें कि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेटेड है या नहीं. यदि 'रिफंड फेल' स्टेटस दिख रहा है, तो बैंक डिटेल्स अपडेट करें और रिफंड री-इश्यू के लिए अप्लाई करें.
- नोटिस का जवाब दें
यदि टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कोई नोटिस आया है, तो उसमें मांगी गई जानकारी या सुधारों का समय पर जवाब दें.
- शिकायत दर्ज करें
अगर सब कुछ सही होने के बावजूद रिफंड में 3 महीने से ज्यादा की देरी होती है, तो आप ई-निवारण पोर्टल (e-Nivaran Portal) पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.