Income Tax Return Refund Status: अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड अभी तक बैंक अकाउंट में नहीं आया, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. कई लोग इस बार रिफंड में देरी की शिकायत कर रहे हैं. आइए, समझते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और आप अपने रिफंड का स्टेटस कैसे चेक कर सकते हैं.
रिफंड में देरी क्यों हो रही है?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस साल रिटर्न्स की बारीकी से जांच कर रहा है, खासकर 20,000 रुपये से ज्यादा के रिफंड पर. फ्रॉड रोकने और सही डिटेल्स चेक करने के लिए ज्यादा समय लग रहा है. 16 सितंबर 2025 को रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने के बाद इतने सारे रिटर्न्स आए कि प्रोसेसिंग में देरी हो रही है.
इसके अलावा कुछ और वजहें भी हैं जैसे-
- पैन,आधार या बैंक अकाउंट डिटेल्स में गलती.
- ई-फाइलिंग पोर्टल पर बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट न होना.
- रिटर्न फाइल करने के 30 दिन के अंदर ई-वेरिफिकेशन न करना.
- फॉर्म 26AS, AIS या TDS डिटेल्स में मिसमैच.
- रिफंड मैनुअल जांच के लिए चुना गया हो.
- पुराने सालों का कोई टैक्स डिमांड बाकी हो.
रिफंड का स्टेटस कैसे चेक करें?
आप घर बैठे ऑनलाइन अपने रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं. इसके दो आसान तरीके हैं-
1. इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल
- www.incometax.gov.in पर जाएं.
- अपने पैन और पासवर्ड से लॉगिन करें (पैन आधार से लिंक होना चाहिए).
- ‘ई-फाइल' में जाकर ‘इनकम टैक्स रिटर्न्स' पर क्लिक करें, फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न्स' चुनें.
- लेटेस्ट रिटर्न सिलेक्ट करें और ‘व्यू डिटेल्स' पर क्लिक करके रिफंड स्टेटस देखें.
2. NSDL रिफंड स्टेटस पोर्टल
- NSDL की रिफंड स्टेटस वेबसाइट पर जाएं.
- अपना पैन और असेसमेंट ईयर डालें.
- साइट पर रिफंड का लेटेस्ट स्टेटस दिखेगा, जिसमें रिजेक्शन या री-इश्यू रिक्वेस्ट की जानकारी भी होगी.
Income Tax रिफंड में देरी हो तो क्या करें?
- सबसे पहले चेक करें कि आपका बैंक अकाउंट ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपडेट और प्री-वैलिडेट है.
- अगर रिटर्न ई-वेरिफाइड नहीं है, तो फौरन करें.
- अगर डिपार्टमेंट से मिसमैच या वेरिफिकेशन का नोटिस आया है, तो जल्दी रिस्पॉन्ड करें.
- अगर स्टेटस में “प्रोसेस्ड विद रिफंड ड्यू” दिख रहा है, लेकिन पैसा नहीं आया, तो पोर्टल पर ग्रिवेंस (grievance) या री-इश्यू रिक्वेस्ट डालें.
कब तक आएगा ITR रिफंड का पैसा?
आईटीआर रिटर्न वेरिफिकेशन के बाद आमतौर पर 4-5 हफ्तों में रिफंड क्रेडिट हो जाता है. लेकिन बड़े रिफंड में ज्यादा समय लग सकता है. अच्छी बात ये है कि देरी होने पर आपको रिफंड पर 6% सालाना ब्याज मिल सकता है. बस इतना ध्यान रखें कि फाइलिंग सही हो, बैंक डिटेल्स सटीक हों और वेरिफिकेशन समय पर हो, ताकि देरी से बचा जा सके.