ट्रेन में मिडिल बर्थ की सीट सोने के लिए किस समय खोल सकते हैं? जान लीजिए रेलवे का ये नियम

Indian Railways Middle Berth Sleeping Time Rules: कई बार ट्रेन में यात्री को मर्जी की सीट नहीं मिलती.आपको भी कई बार मिडिल बर्थ अलॉट हुई होगी. लेकिन क्या आपको इससे जुड़े नियमों के बारे में पता है, अगर नहीं पता तो आज हम आपको बता देते हैं ताकि नियमों की जानकारी न होने पर आप उनका उल्लंघन न कर बैठे वरना आप मुसीबत में भी पड़ सकते हैं. .

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Middle Berth in Train : किसी भी समय मिडिल सीट खोलने पर दूसरे यात्रियों को परेशानी होती है, इसलिए रेलवे के इस नियम का पालन करना जरूरी है.
नई दिल्ली:

Indian Railways Middle Berth Rules: ट्रेन के जरिये एक जगह से दूसरे जगह जाने वाला हर यात्री चाहता है कि उसका सफर सुविधाजनक हो. इसके लिए लोग महीनों पहले ही टिकट बुक कर लेते हैं और ट्रेन टिकट बुकिंग (Train Ticket Booking) के समय बर्थ सेलेक्शन को लेकर अपनी प्रिफरेंस भी बताते है. ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर लोग मिडिल बर्थ लेना पसंद नहीं करते , क्योंकि अक्सर ट्रेनों में मिडिल बर्थ की सीट को खोलने और बंद करने को लेकर यात्रियों के बीच विवाद हो जाता है. 

इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने मिडिल बर्थ को खोलने और बंद करने (Train middle berth open time) के लिए समय सीमा निर्धारित किया है ताकि यात्रियों में इसे लेकर विवाद न हो.लेकिन ट्रेन से सफर करने वाले ज्यादातर लोगों को मिडिल बर्थ से जुड़े नियम (Middle berth in train rules) के बारे में मालूम ही नहीं होता है.

मिडल बर्थ से जुड़े नियमों का पता होना जरूरी

ट्रेन में टिकट बुक करते समय कई बार ऑटोमैटिकली बर्थ अलॉट कर दिया जाता है.जिससे ट्रेन में मर्जी की सीट नहीं मिल पाती है. आपको भी कई बार मिडिल बर्थ अलॉट हुई होगी. लेकिन क्या आपको इससे जुड़े नियमों के बारे में पता है, अगर नहीं पता तो आज हम आपको बता देते हैं ताकि नियमों की जानकारी न होने पर आप उनका उल्लंघन न कर बैठे वरना आप मुसीबत में भी पड़ सकते हैं.

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आज हम आपको मिडिल बर्थ से जुड़े कुछ जरूरी नियमों (Railway middle berth rules )के बारे में बताएंगे. अगर आपको इन नियम के बारे में सही जानकारी होगी तो कोई सफर के दौरान कोई आपको परेशान नहीं कर पाएगा. 

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मिडिल बर्थ को खोलने-बंद करने का समय

स्लीपर कोच की मिडिल बर्थ हो या थर्ड AC की, रेलवे ने मिडिल बर्थ को खोलने के लिए एक समयसीमा तय की है. रेलवे के नियमों के मुताबिक, यात्री रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही मिडिल बर्थ को सोने के लिए खोल (Middle berth sleeping time) सकते हैं.सुबह 6 बजे के बाद मिडिल बर्थ की सीट को बंद कर देना होता है.

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रेलवे ने यह नियम इसलिए बनाया है ताकि दिन के समय दूसरे यात्री आसानी से बैठ सकें. किसी भी समय मिडिल सीट खोलने पर दूसरे यात्रियों को परेशानी होती है, इसलिए रेलवे के इस नियम का पालन करना जरूरी है.TTE ध्यान रखता है कि यात्री इस नियम का पालन करें और ऐसा न करने वालों को वो चेतावनी दे सकता है.

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मान लीजिए आपकी तबियत ठीक नहीं है और आप दिन में सोना चाहते हैं तो आपको लोअर बर्थ (Lower Berth Sleeping Time) वाले यात्री से पहले बातचीत करनी होगी और उसकी सहमति मिलने के बाद ही आप अपनी मिडिल बर्थ खोल सकते हैं. अगर आप लोअर बर्थ वाले यात्री के मना करने के बावजूद मिडिल बर्थ खोलकर सो जाते हैं, तो वो यात्री आपकी शिकायत कर सकता है तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं.

वहीं, आप सोच रहे होंगे कि अगर सीट बंद कर दें तो  मिडिल बर्थ वाला यात्री बैठैगा कहां? तो आपको बता दें कि  दिन में सफर के दौरान लोअर बर्थ पर ही मिडिल बर्थ के यात्री बैठ कर सफर करते हैं.  

नियम तोड़ने पर लेगेगा जुर्माना

अगर मिडिल बर्थ पर बैठा यात्री 6:00 बजे के बाद भी अपनी बर्थ को खोले रखता है, तो ऐसे स्थिति में यह रेलवे के नियम का उल्लंघन होगा. अन्य यात्री इसकी शिकायत TTE से कर सकते हैं और TTE इसके लिए जुर्माना भी वसूल सकता है.

इस समय के बाद TTE नहीं चेक कर सकते टिकट

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सहूलियत के लिए रात को टिकट चेकिंग को लेकर भी एक नियम बनाया है. आपको पता है की ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE)  यात्रा के दौरान आपका टिकट चेक करने आता है. रेलवे के नियमों के मुताबिक, TTE रात 10:00 बजे के बाद और सुबह 6:00 बजे के पहले आपको टिकट दिखाने के लिए डिस्टर्ब नहीं कर सकता. TTE को सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच ही टिकटों का वेरिफिकेशन करना जरूरी है ताकि रात में सो रहे पैसेंजर डिस्टर्ब न हो. हालांकि जिन यात्रियों की ट्रेन यात्रा रात 10 बजे के बाद शुरू होती है उन पर यह नियम लागू नहीं होता.

यात्रियों की सुविधा के लिए ही रेलवे ने ये नियम (Indian Railways Rules) बनाए हैं. आपकी वजह से दूसरे यात्रियों को परेशानी न हो और न ही दूसरों की वजह से आपको परेशानी हो, इसके लिए इन नियमों की जानकारी होना और उन्हें फॉलो करना दोनों ही जरूरी है.

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