इमरजेंसी के समय ज्यादातर लोग बिना सोचे-समझे दोस्तों से पैसे उधार ले लेते हैं. मुश्किल समय में यह सबसे आसान तरीका नजर आता है लेकिन ऐसा करना भारी पड़ सकता है. क्या आपको पता है, आपने मुश्किल हालात में दोस्त से जितना उधार लिया है उतनी ही रकम आपको टैक्स के तौर पर चुकानी पड़ सकती है.
भारी भरकम कैश ट्रांजैक्शन पर पेनाल्टी
TaxBuddy नाम के टैक्स एडवाइजरी प्लेटफॉर्म ने राहुल का मामला शेयर कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है. दरअसल राहुल ने भी ऐसा ही किया था. उसने जरूरत के समय अपने दोस्त से ₹1.2 लाख कैश उधार ले लिया.लेकिन जो मदद उसे आसान लगी थी, अब वही उस पर उतने ही रुपये का जुर्माना बनकर लौट सकती है. ऐसा मामले काफी आम है, क्योंकि बहुत से लोग अब भी नहीं जानते कि बड़े कैश ट्रांजैक्शन, चाहे दोस्तों के बीच ही क्यों न हों, भारी पेनाल्टी का सबब बन सकते हैं.
कब और क्यों कैश लेन-देन पर लग सकती है जुर्माना ?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर सख्त रुख अपनाता है. चाहे आप उधार के तौर पर ले रहे हो, उधार चुकाने के लिए दे रहे हो या डोनेशन कर रहे हो, इसके लिए एक सीमा तय की गई है. अगर आप उस सीमा से ज्यादा कैश में लेन-देन करते हैं, तो आप पर जुर्माना उतनी ही रकम का लग सकता है.
राहुल के मामले में, उसने ₹20,000 से ज्यादा का कैश उधार लिया, जिससे इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269SS का उल्लंघन हुआ. इस सेक्शन के तहत, किसी से ₹20,000 या उससे ज्यादा कैश लोन, डिपॉजिट या एडवांस के तौर पर लेना मना है. ऐसा करने पर सेक्शन 271DA के तहत जितना लोन लिया, उतना ही जुर्माना देना होगा.
कैश लेन-देन से जुड़ी इन गलतियों से बचें
अगर आप किसी से एक दिन में, एक ट्रांजैक्शन या एक इवेंट के लिए ₹2 लाख या उससे ज्यादा का कैश लेते हैं, तो सेक्शन 269ST के तहत आप पर100% पेनल्टी लग सकती है.
- इसी तरह अगर आप किसी को ₹20,000 या उससे ज्यादा का लोन या डिपॉजिट कैश में चुकाते हैं, चाहें फिर वो व्यक्ति आपका दोस्त हो या परिवार का कोई सदस्य, आप पर सेक्शन 269T के तहत जुर्माना लग सकता है.
- बिजनेस में, अगर आप एक दिन में किसी को ₹10,000 से ज्यादा का कैश पेमेंट करते हैं, तो आपके प्रॉफिट को कैलकुलेट करते समय वो रकम एक्सपेंस यानी खर्च के तौर पर नहीं गिनी जाएगी, मतलब आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है.
इंश्योरेंस प्रीमियम और दान देते समय बरतें सावधानी
- कई लोग अनजाने में ही टैक्स बेनिफिट गंवा देते हैं. जैसे अगर आप किसी चैरिटी या मंदिर को 2,000 रुपये से ज्यादा कैश दान करते हैं, तो आपको सेक्शन 80G के तहत कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी.
- हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम कैश में भरने पर भी कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी, सिर्फ प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप के लिए ₹5,000 तक की छूट मिल सकती है.
बैंक से ज्यादा कैश निकालने पर TDS
अपने बैंक अकाउंट से बड़ी रकम निकालने पर भी TDS (Tax Deducted at Source) लग सकता है. अगर आप एक साल में ₹1 करोड़ से ज्यादा कैश बैंक से निकालते हैं, तो बैंक 2% TDS काटेगा.अगर आपने पिछले 3 साल से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया और ₹20 लाख से ज्यादा कैश निकाला, तो TDS 5% हो जाएगा.
कैश पेमेंट करने के बजाय अपनाएं डिजिटल तरीके
कैश से जुड़े इतने सारे नियमों के चलते, सबसे सुरक्षित तरीका है बैंक ट्रांसफर, UPI या चेक का इस्तेमाल करना, खासकर बड़े ट्रांजैक्शन करने के लिए. इससे आप टैक्स कानूनों का पालन भी करेंगे और फालतू जुर्माने से भी बचेंगे. इसलिए अगली बार जब भी आप कोई बड़ा कैश पेमेंट करने या रिसीव करने जा रहे हो, एक बार जरूर सोच लें टैक्स विभाग की आप पर नजर हो सकती है.
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