ITR फाइल करने के बाद अभी तक नहीं हुआ प्रोसेस? जानिए कब तक मिल सकता है रिफंड

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि ऐसे सभी पेंडिंग ITR, जो असेसमेंट ईयर 2023-24 (यानि फाइनेंशियल ईयर 2022-23) के लिए 31 जुलाई 2023 या 31 दिसंबर 2023 तक फाइल किए गए थे, अब 30 नवंबर 2025 तक प्रोसेस किए जाएंगे.

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ITR Filing 2025: असेसमेंट ईयर 2023-24 के रिटर्न्स को 31 दिसंबर 2024 तक प्रोसेस कर लेना था
नई दिल्ली:

अगर आपने समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) फाइल किया था लेकिन अभी तक प्रोसेस  (ITR Processing) नहीं हुआ है, तो ये खबर आपके लिए राहत भरी है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि ऐसे सभी पेंडिंग ITR, जो असेसमेंट ईयर 2023-24 (यानि फाइनेंशियल ईयर 2022-23) के लिए 31 जुलाई 2023 या 31 दिसंबर 2023 तक फाइल किए गए थे, अब 30 नवंबर 2025 तक प्रोसेस किए जाएंगे.

इस डेडलाइन एक्सटेंशन का मतलब है कि अब इन ITR को प्रोसेस करके टैक्स डिपार्टमेंट तीन में से कोई एक रिजल्ट दे सकता है:

  • टैक्स रिफंड : अगर आपकी प्रोसेस की गई डिटेल्स के मुताबिक रिफंड बनता है, तो वो रिफंड अब इंटरेस्ट के साथ मिल सकता है
  • टैक्स डिमांड नोटिस :अगर डिपार्टमेंट को प्रोसेस के बाद लगता है कि कुछ टैक्स बाकी है, तो आपको डिमांड नोटिस भी भेजा जा सकता है
  • नो रिफंड, नो डिमांड:  कई मामलों में सिर्फ ITR प्रोसेस होगा और कुछ नहीं होगा

ये राहत उन लोगों के लिए है जिनका रिटर्न समय से फाइल हुआ था लेकिन अभी तक प्रोसेस नहीं हो पाया है.

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इस फैसले से क्या होगा?

नॉर्मली रिटर्न प्रोसेसिंग की लिमिट 9 महीने की होती है. लेकिन अब सरकार ने इस लिमिट को बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 तक कर दिया है, जिससे पुरानी फाइलिंग्स को क्लियर किया जा सके. यानी अब ये ITR या तो एक्सेप्ट हो सकते हैं या फिर इन पर रिफंड या डिमांड जेनरेट हो सकता है. असेसमेंट ईयर 2023-24 के रिटर्न्स को 31 दिसंबर 2024 तक प्रोसेस कर लेना था. लेकिन नए सर्कुलर में बताया गया है कि जो ITR उस समय तक नहीं हो पाए थे, उन्हें अब नवंबर 2025 तक प्रोसेस किया जा सकेगा.

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क्या अब टैक्स डिमांड नोटिस मिल सकता है?

अब Section 143(1) के तहत नए टैक्स डिमांड नहीं बनाए जा सकते क्योंकि सेक्शन 119(2)(a) टैक्सपेयर्स के खिलाफ किसी आदेश की इजाज़त नहीं देता. और Section 143(3) के तहत रेगुलर असेसमेंट की लिमिट 31 मार्च 2025 को ही खत्म हो चुकी है.

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हालांकि, अगर किसी केस में इनकम छुपाई गई है, तो Section 148 के तहत री-असेसमेंट नोटिस भेजा जा सकता है, लेकिन इसके लिए तय शर्तें और नियम पूरे करना ज़रूरी होगा.

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किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

जिन टैक्सपेयर्स का रिटर्न लंबे समय से पेंडिंग है और जिनका प्रोसेसिंग अब तक नहीं हुआ, उन्हें अब रिफंड मिलने का रास्ता खुल सकता है. इसके साथ ही ऐसे लोगों को रिफंड पर 0.5% मंथली इंटरेस्ट भी मिलेगा. TDS या एडवांस टैक्स वाले मामलों में अप्रैल 2023 से लेकर अब तक का इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं सेल्फ असेसमेंट टैक्स के रिफंड में इंटरेस्ट ITR फाइल करने की तारीख से गिना जाएगा.

ये एक्सटेंशन उन रिटर्न्स पर लागू नहीं होगा जो:

  • स्क्रूटिनी के लिए चुने गए हैं
  • प्रोसेस नहीं हो पाए क्योंकि टैक्सपेयर की तरफ से कोई कमी थी
  • अगर PAN और आधार लिंक नहीं है तो भी रिफंड नहीं मिलेगा. ये बात 28 मार्च 2023 के एक सर्कुलर में भी साफ की गई थी और  9 जून 2025 के नए ऑर्डर में भी यही कहा गया है.
  • टैक्स रिफंड तभी मिलेगा जब PAN और आधार आपस में लिंक होंगे.
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