Income Tax Return 2025: हर साल टैक्स भरने के सीजन में लोगों के मन में एक ही सवाल सबसे ज्यादा होता है कि इस साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है? भले ही नया फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू हो जाता है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट शुरुआत में ही ITR फॉर्म जारी कर देता है, लेकिन TDS की जानकारी अपडेट होने और ऑनलाइन फाइलिंग यूटिलिटी तैयार होने में देर होने की वजह से ज्यादातर लोगों को रिटर्न फाइल करने का असली समय कम ही मिल पाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन राहत की बात ये है कि सरकार ने ITR फाइल करने की डेडलाइन बढ़ा दी है.
ITR फाइल करने की आखिरी तारीख
अगर आप आयकर रिटर्न (ITR) भरने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है. आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 15 सितम्बर 2025 कर दी है. सरकार ने यह फैसला नए फॉर्म में हुए बड़े बदलावों और सिस्टम तैयार करने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए लिया है.इस फैसले से टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरने के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा.
क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन?
इस साल ITR फॉर्म में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं. इन्हीं बदलावों को लागू करने के लिए डिपार्टमेंट को सिस्टम तैयार करने, नए फॉर्म की यूटिलिटी बनाने और उसे टेस्ट करने में समय लग रहा है. इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि टैक्सपेयर्स को ज्यादा समय दिया जाए ताकि वे आराम से रिटर्न भर सकें. CBDT ने बताया कि ये बदलाव टैक्सपेयर्स के लिए फाइलिंग प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं. इससे रिटर्न की सटीकता भी बनी रहेगी.
इस बार देर से मिले ITR फॉर्म और यूटिलिटी
इस साल ITR फॉर्म थोड़ी देरी से आए. फॉर्म 1 और 4 को 30 अप्रैल को अधिसूचित किया गया. इसके बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन यूटिलिटी भी धीरे-धीरे तैयार की गई. यही वजह है कि लोगों को ITR फाइल करने के लिए कम समय मिल रहा था.
TDS अपडेट और Form 16 मिलने में भी लगता है समय
आईटीआर फाइल करने से पहले टैक्सपेयर्स को TDS की पूरी जानकारी चाहिए होती है, जो Form 26AS में दिखती है. लेकिन साल के आखिरी क्वार्टर का TDS डेटा 31 मई तक ही अपडेट हो पाता है.इसके बाद सैलरी क्लास टैक्सपेयर्स को अपने एम्प्लॉयर से Form 16 मिलने में और 10–15 दिन लग जाते हैं. यानी फॉर्म 16 15 जून या उसके बाद ही मिलता है. इसलिए ITR भरने के लिए जुलाई के आखिर तक का वक्त ही बचता है .
ITR फॉर्म में क्या नया है?
इस साल ITR-1 फॉर्म में एक जरूरी बदलाव किया गया है. अब आप इस फॉर्म के जरिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) भी दिखा सकते हैं, लेकिन एक शर्त है कि ये 1.25 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए, और आपके पास कोई सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड लॉस नहीं होना चाहिए.
पहले ITR-1 में LTCG रिपोर्ट करने का ऑप्शन नहीं था. अब यह बदलाव उन टैक्सपेयर्स के लिए मददगार है, जिन्हें लिस्टेड शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड बेचने से लंबी अवधि का लाभ हुआ है.अगर आपके पास हाउस प्रॉपर्टी बेचने से लाभ या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स है, तो आप ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
आखिर सही समय पर फाइल करना क्यों जरूरी है ?
हर साल लोगों के मन में यही सवाल रहता है कि ITR फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है? क्योंकि असल में नए फॉर्म आने, TDS अपडेट और फॉर्म 16 मिलने की प्रक्रिया के चलते टैक्सपेयर्स को सिर्फ 30–45 दिन ही मिलते हैं. अब जबकि डेडलाइन बढ़ गई है, तो टैक्सपेयर्स को समय से फाइल करने का बेहतर मौका मिला है.
अगर आप भी इस बार ITR फाइल करने जा रहे हैं तो बिना देर किए अपने डॉक्युमेंट्स तैयार करें और 15 सितम्बर से पहले फाइलिंग पूरी कर लें. टैक्सपेयर्स के लिए ये बढ़ी हुई डेडलाइन एक राहत है, लेकिन इसे आखिरी मौके पर टालने की गलती न करें.
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