भारत में सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग (Hallmarking) लागू होने के बाद भी, शुद्धता को लेकर धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि धोखाधड़ी साबित होने पर ज्वेलर को भारी जुर्माने के साथ मुआवजा कंज्यूमर को देना पड़ सकता है. जी हां. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नियमों के अनुसार उपभोक्ताओं को उनके नुकसान की भरपाई का कानूनी अधिकार दिया गया है. इस खबर में आपको बताते हैं धोखाधड़ी का पता लगाने और शिकायत करने का प्रोसेस क्या है और कैसे मुआवजा हासिल किया जा सकता है.
कैसे मिलेगा मुआवजा
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नियमों के अनुसार, अगर किसी उपभोक्ता को बेचे गए हॉलमार्क वाले आभूषण में शुद्धता कम पाई जाती है, तो वह मुआवजे का हकदार है. यह मुआवजा, जितनी ज्वैलरी में गड़बड़ी की गई है, उस अंतर के मूल्य का दोगुना होता है. मान लीजिए, अगर आपने 22 कैरेट (91.6%) का हॉलमार्क वाला सोना खरीदा, लेकिन जांच में वह 20 कैरेट (83.3%) पाया गया, तो आपको शुद्धता में आए अंतर (91.6% - 83.3%) के मूल्य का दो गुना मुआवजा मिलेगा.
धोखाधड़ी का ऐसे लगाएं पता
कंज्यूमर अपने सोने के आभूषणों को किसी भी बीआईएस मान्यता प्राप्त जांच एवं हॉलमार्किंग सेंटर पर जाकर टेस्ट करा सकते हैं. जांच केंद्र आपको एक एसे रिपोर्ट देगा, जिसमें सोना असल में कितने कैरेट का है, इसकी जानकारी होगी.
ऐसे करें शिकायत दर्ज
अगर टेस्ट में शुद्धता कम पाई जाती है, तो कंज्यूमर बीआईएस केयर ऐप के साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायत कर सकते हैं.
बीआईएस केयर ऐप
यह बीआईएस का ऑफिशियल मोबाइल एप्लीकेशन है. इसका इस्तेमाल HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर को जांचने और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करने के लिए किया जा सकता है.
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH)
कंज्यूमर 1800-11-4000 पर कॉल करके या consumerhelpline.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
सरकार ने कंज्यूमर के लिए बनाया सुरक्षा कवच
- सरकार ने कंज्यूमर को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कई नियम लागू किए हैं-
- ज्यादातर जिलों में HUID (6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड) के साथ सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है.
- बिल में सोने की कीमत, मेकिंग चार्ज और 3% जीएसटी का साफ जिक्र होना चाहिए.