पिछले हफ्ते केंद्रीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में सीधे 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी. आरबीआई ने खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया था. मई के बाद से यह बेंचमार्क रेट में तीसरी बढ़ोतरी थी. इसके बाद कई बैंकों ने आवास ऋण पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. पहली दो बढ़त के बाद भी बैंकों ने आवास ऋण पर ब्याज दर बढ़ाई थी. जब भी आरबीआई की ओर से मानक उधारी दरों में बढ़ोतरी की जाती है, तो इसका अनुसरण करते हुए अधिकतर बैंक होम लोन के इंटरेस्ट रेट बढ़ा देते हैं. रेपो दर उस बेंचमार्क लेंडिंग रेट या ब्याज दर को कहते हैं जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं और फिर उसका इस्तेमाल खुदरा ग्राहकों को बांटने में करते हैं.
आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने भी सोमवार को अपनी मानक उधारी दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी. इस कदम से मौजूदा और नये दोनों ग्राहकों के लिए ऋण महंगा हो जाएगा. यह नए रेट आज मंगलवार से लागू हो चुके हैं.
नीतिगत दरों पर आरबीआई के फैसलों से कैसे पड़ता है हमारे लोन पर असर
आरबीआई की मौद्रिक नीति के तहत रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट लागू किया जाता है. रेपो रेट के जरिए आरबीआई बाजार में कैशफ्लो को मेंटेन या नियमित करता है, वहीं लिक्विडिटी यानी तरलता (बाजार में कितनी नकदी है) उसपर अपना नियंत्रण बनाए रखता है.
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जिस तरह हम एक निर्धारित ब्याज दर पर बैंक से लोन लेते हैं, वैसे ही बैंक अपना कामकाज करने के लिए आरबीआई से एक निश्चित ब्याज दर पर पैसे लेते हैं. इस ब्याज दर को रेपो रेट कहते हैं. बैंक आरबीआई को अगर सरप्लस पैसा लौटाते हैं, तो आरबीआई इसे उनके लिए ब्याज देती है, जिसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. रिवर्स रेट हमेशा रेपो रेट से कम होता है.
इसका सीधा असर हमारी EMI यानी बैंक लोन के किश्त पर पड़ता है, क्योंकि आरबीआई जब भी रेपो रेट बढ़ाता है, बैंक भरपाई करने के लिए ग्राहकों को दिए गए लोन पर ब्याज दर बढ़ा देते हैं, जिससे कि हमें बढ़ोतरी के बाद बढ़ी हुई ब्याज दर पर ईएमआई भरनी पड़ती है, या फिर बढ़ी हुई दर पर होम लोन लेना पड़ता है.
ICICI, PNB ने भी बढ़ाई हैं दरें
मानक ब्याज दर में 0.50 फीसदी बढ़ोतरी के बाद आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने भी पिछले शुक्रवार को कर्ज देने की दर बढ़ा दी है.
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आईसीआईसीआई बैंक ने एक सूचना में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक बाह्य मानक कर्ज दर (आई-ईबीएलआर) को आरबीआई की नीतिगत दर से संदर्भित किया जाता है.बैंक ने कहा, ‘‘आई-ईबीएलआर 9.10 फीसदी वार्षिक और प्रतिमाह देय है. यह पांच अगस्त, 2022 से प्रभावी होगी.''
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने भी दर में वृद्धि की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘आरबीआई द्वारा रेपो दर बढ़ाने के बाद रेपो से संबंधित कर्ज दर (आरएलएलआर) को भी 7.40 फीसदी से बढ़ाकर 7.90 फीसदी किया गया है जो आठ अगस्त, 2022 से प्रभावी होगी.''
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