घर की EMI कम करने और लाखों बचाने का आसान तरीका, जानें रेपो रेट घटा तो होम लोन वालों को अब क्या करना चाहिए?

Home Loan EMI After RBI Rate Cut: रेपो रेट घटने का असर सीधा-सीधा आपकी EMI और घर की लागत पर पड़ता है. आप खुद भी बहुत आसानी से EMI में फर्क और बचत का कैलकुलेशन कर सकते हैं.इसके लिए किसी भी बैंक का ऑनलाइन होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर इस्तेमाल कर सकते हैं.

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Home loan EMI calculator: ब्याज दर घटने के बाद बैंक आपकी EMI को कम कर सकते हैं.
नई दिल्ली:

अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं या पहले से ही होम लोन (Home Loan) ले चुके हैं, तो आपके लिए यह अच्छी खबर है. पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में 0.50% की (RBI Repo Rate Cut) कटौती कर दी है. यह लगातार तीसरी कटौती है, और अब तक कुल 1% की कमी हो चुकी है. इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा होम लोन लेने वालों को मिलेगा क्योंकि अब ब्याज दर घटने (Home loan interest rates) से आपकी EMI कम हो सकती है. इससे लोन लेना सस्ता (Cheapest Home Loans in June 2025) और आसान हो सकता है.

लेकिन अगर आप सही प्लानिंग करें, तो EMI ही नहीं, पूरे घर की कुल लागत में भी लाखों की बचत कर सकते हैं.आइए जानते हैं कि रेपो रेट घटने के बाद होम लोन की ईएमआई (Home loan EMI after RBI rate cut) में कितनी बचत होने वाली है. होम लोन पर भारी बचत करने का आसान तरीका भी जान लेते हैं..

ब्याज दर घटी तो EMI में कितनी बचत होगी?

मान लीजिए आपने 20 साल के लिए होम लोन लिया है और पहले ब्याज दर 9.5% थी, जो अब 8.5% हो गई है.

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  • 30 लाख के लोन पर EMI में हर महीने 1,929 रुपये की बचत होगी और ब्याज में कुल 4.63 लाख रुपये की बचत होगी.
  • 50 लाख के लोन पर EMI 3,215 रुपये कम होगी और कुल ब्याज में 7.71 लाख रुपये की बचत होगी.
  • 75 लाख के लोन पर EMI 4,823 रुपये कम होगी और ब्याज में 11.58 लाख रुपये की बचत होगी.
  • 1 करोड़ रुपये के लोन पर हर महीने EMI 6,431 रुपये कम होगी और कुल 15.43 लाख रुपये तक की बचत होगी.

रेपो रेट कटौती के बाद अब आपको क्या करना चाहिए?

रेपो रेट कटौती का फायदा तभी पूरी तरह मिलेगा जब आप कुछ जरूरी फैसले लेंगे. यहां जानिए कैसे आपको रेट कट का फायदा उठाना चाहिए...

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EMI कम न कराएं, वही पुरानी EMI भरें

ब्याज दर घटने के बाद बैंक आपकी EMI को कम कर सकते हैं. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि होम लोन जल्दी खत्म हो और ब्याज में बचत हो, तो EMI कम न कराएं. बैंक से कहें कि वह पुरानी EMI ही लेते रहें. इससे आपका लोन जल्दी चुक जाएगा और लाखों रुपये ब्याज में बचेंगे.

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लोन की अवधि घटाएं

अगर आपका लोन 20 साल के लिए है तो उसे 15 साल में खत्म करने की प्लानिंग करें. इसके लिए EMI थोड़ा बढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से कुल ब्याज कम लगेगा और घर की लागत में अच्छी-खासी बचत होगी.

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समय-समय पर प्री-पेमेंट करें

हर साल अपने बोनस, सेविंग या एक्स्ट्रा इनकम से थोड़ा-थोड़ा लोन चुकाने की कोशिश करें. इससे मूलधन जल्दी खत्म होगा और ब्याज भी कम लगेगा. प्री-पेमेंट पर अब ज़्यादातर बैंकों में कोई चार्ज नहीं लगता है.

अपनी EMI और बचत का खुद करें कैलकुलेशन

अगर ऊपर बताई गई लोन अमाउंट्स आपके केस से मैच नहीं कर रही हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप खुद भी बहुत आसानी से EMI में फर्क और बचत का कैलकुलेशन कर सकते हैं. इसके लिए आप SBI या किसी भी बैंक का ऑनलाइन होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर (Home Loan EMI Calculator) इस्तेमाल कर सकते हैं.

आपको पहले पुरानी ब्याज दर, लोन अमाउंट और टेन्योर डालना है. फिर वही डिटेल्स नई ब्याज दर के साथ डालें. दोनों में फर्क निकालकर आप जान पाएंगे कि EMI और कुल ब्याज में कितनी बचत होगी.

इन बातों का रखें ध्यान 

रेपो रेट घटने का असर सीधा-सीधा आपकी EMI और घर की लागत पर पड़ता है. लेकिन यह असर तभी फायदेमंद होगा जब आप सही फैसले लें. अगर आप लोन के शुरूआती सालों में ही प्री-पेमेंट और EMI कंट्रोल जैसी स्ट्रैटजी अपनाते हैं तो होम लोन आपके लिए बोझ नहीं, बल्कि एक स्मार्ट फाइनेंशियल प्लान बन सकता है.

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