अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह बड़ी खुशखबरी हो सकती है. सरकार जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स में बड़ा बदलाव करने जा रही है.पीएम मोदी के लालकिले से जीएसटी रेट घटाकर लोगों की डबल दीवाली कर देने के ऐलान के बाद से इस बात को लेकर लगातार चर्चा हो रही है कि क्या-क्या सस्ता होगा. ऐसे में कार वाले भी बेकरार हैं क्या उन तक भी पहुंचेगी राहत की फुहार? अभी कारों पर सबसे ज्यादा 28% तक टैक्स लगता है और उसके ऊपर अलग से सेस भी देना पड़ता है. लेकिन अब इस टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने की तैयारी है जिससे छोटी कारें काफी सस्ती हो सकती हैं.
दीवाली के मौके पर सस्ती कार खरीदने का शानदार मौका!
इसका सीधा मतलब है कि दिवाली के आसपास कार खरीदने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है.अगर आप नई कार खरीदने वाले हैं तो मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि क्या आपको दीवाली तक रुक जाना चाहिए? तो बता दें कि अगर आप हैचबैक या छोटी कार लेने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह सही टाइम हो सकता है.
छोटी कारों पर कितनी राहत मिलेगी?
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, हैचबैक कारें 18 पर्सेंट के स्लैब में आ सकती हैं. फिलहाल 4 मीटर तक लंबाई और 1200 सीसी तक इंजन वाली छोटी पेट्रोल, CNG और LPG कारों पर 28% जीएसटी और 1% सेस लगता है यानी कुल मिलाकर 29% टैक्स. प्रस्तावित बदलाव के बाद इन्हें 18% टैक्स स्लैब में लाने की तैयारी है. इसका मतलब यह हुआ कि हैचबैक और छोटी कार खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत मिलने वाली है.
SUV सेग्मेंट को भी मिलेगा दीवाली गिफ्ट?
अब सवाल यह है कि SUV और बड़ी कारों पर क्या असर पड़ेगा. फिलहाल इन पर 43% से 50% तक टैक्स लगता है. नई व्यवस्था में इन्हें 40% के स्पेशल स्लैब में डालने का प्रस्ताव है. यानी एसयूवी और लग्जरी कारों की कीमत में बहुत बड़ा फर्क तो नहीं आएगा लेकिन टैक्स स्ट्रक्चर पहले से क्लियर और आसान हो जाएगा.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए GST दर में बदलाव की उम्मीद नहीं
अगर आप इलेक्ट्रिक कार खरीदने की सोच रहे हैं तो वहां ज्यादा बदलाव नहीं होगा. ईवी पर अभी सिर्फ 5% जीएसटी लगता है और आगे भी इसे बरकरार रखा जा सकता है. यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा.
जीएसटी का नया स्ट्रक्चर
सरकार का प्लान है कि जीएसटी को सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% में लाया जाए . वहीं, कुछ चुनिंदा सामान जैसे लग्जरी और सिगरेट जैसी चीजों पर 40% टैक्स लगाया जाएगा. इससे टैक्स स्ट्रक्चर सिंपल होगा और गाड़ियों के मामले में इंजन कैपेसिटी और लंबाई को लेकर जो कन्फ्यूजन और डिस्प्यूट होते थे, वो भी खत्म हो जाएंगे.
आम लोगों के लिए इसका क्या है मतलब?
अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो छोटी कारें काफी सस्ती हो जाएंगी और लोगों की डिमांड भी बढ़ जाएगी. कारें सस्ती होने से ऑटो सेक्टर में सेल्स बढ़ेंगी और इकॉनमी को भी फायदा होगा.
21 अगस्त को जीएसटी रेट रेशनलाइजेशन पर बनी मंत्रियों की समिति इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी. इसके बाद सितंबर में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग होगी जिसमें फाइनल रेट स्ट्रक्चर को मंजूरी मिल सकती है.