GST में रजिस्टर्ड कारोबारियों को, हर फाइनेंशियल ईयर के पूरा होने के बाद, एनुअल रिटर्न (GST Annual Return) भरकर जमा करना होता है. हर साल रिटर्न फाइल करने के लिए GST टैक्सपेयर्स GSTR-9 फॉर्म भरते हैं, इसलिए इस फॉर्म को एनुअल फॉर्म के तौर पर भी जाना जाता है. इस फॉर्म में कारोबारियों को, अपने साल भर की बिक्रियों और खरीदारियों की जानकारी देनी पड़ती है और उस फाइनेंशियल ईयर के दौरान चुकाए गए GST की डिटेल भी सरकार को उपलब्ध करानी पड़ती है. GST Annual Return फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 है.
जिन टैक्सपेयर्स ने GST के तहत कंपोजिशन स्कीम का ऑप्शन चुना होता है, उन्हें एनुअल रिटर्न फाइल करने के लिए GSTR-9A फॉर्म भरना होता है. टैक्सपेयर्स को एनुअल रिटर्न फाइल करने से पहले उस फाइनेंशियल ईयर के सभी लागू रिटर्न जैसे फॉर्म GSTR-1/ IFF और फॉर्म GSTR-3B फाइल करने होते हैं.
किन टैक्सपेयर्स के लिए GST एनुअल रिटर्न फाइल करना जरूरी
संबंधित फाइनेंशियल ईयर के दौरान GST रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी टैक्सपेयर्स के लिए एनुअल GST रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होता है, चाहें उन्होंने रजिस्ट्रेशन किसी भी वक्त कराया हो. और जो टैक्सपेयर्स GST के तहत कंपोजिशन स्कीम (Composition Scheme) का ऑप्शन चुनते हैं, उन्हें एनुअल रिटर्न फाइल करने के लिए GSTR-9A फॉर्म का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है.
इन टैक्सपेयर्स को नहीं करना होगा रिटर्न फाइल
सरकार ने जिन स्पेसफिक कैटेगरी के टैक्सपेयर्स को GST एनुअल रिटर्न फाइल न करने की छूट दी है, उनमें शामिल हैं-
- इनपुट सेवा वितरक (Input Service Distributor)
- CGST एक्ट के सेक्शन 51 के तहत टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स
- CGST एक्ट के सेक्शन 52 के तहत टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स
- कैजुअल टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स
- अनिवासी टैक्स देने वाले टैक्सपेयर्स
इन व्यापारियों के लिए भी एनुअल रिटर्न फाइल करना जरूरी नहीं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC ) ने GST रजिस्टर्ड छोटे व्यापारियों को फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए लिए एनुअल GST रिटर्न दाखिल करने में छूट दी है. ऐसे GST रजिस्टर्ड कारोबारी जिनका कुल कारोबार फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में दो करोड़ रुपये तक रहा है, उन्हें उस साल के लिए एनुअल रिटर्न फाइल नहीं करना होगा.
GSTR-9 फॉर्म के कितने टाइप का होता है?
भारत में लागू गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम (Goods and Services Tax system) के तहत, कारोबारियों की अलग-अलग कैटेगरी के मुताबिक GSTR 9 फॉर्म को चार टाइप में बांटा गया है.
1. GSTR-9 फॉर्म: यह फॉर्म GST में रजिस्टर्ड सामान्य कारोबारियों के लिए होता है.
2. GSTR-9A फॉर्म: जो टैक्सपेयर्स GST के तहत कंपोजीशन स्कीम का ऑप्शन चुनते हैं, उनके लिए GSTR-9A फॉर्म होता है.
3. GSTR-9B फॉर्म: ई कॉमर्स ऑपरेटर के लिए GSTR-9B फॉर्म इस्तेमाल किया जाता है.
4. GSTR-9C फॉर्म: GSTR-9C फॉर्म उन कारोबारियों के लिए होता है जिनका टर्नओवर सालाना 2 करोड़ रुपए से ज्यादा होता है.