सोने-चांदी ने फिर पकड़ी रफ्तार, जानें अगले हफ्ते कैसी रह सकती है चाल

Gold Silver Rate Today: वैश्विक अस्थिरता और महंगाई की चिंताएं बनी हुई हैं. इसलिए, विश्लेषकों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित बना रहेगा और इसकी कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं.

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Gold Silver Rate Today: भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. कीमतों में कभी अचानक तेजी आती है, तो अगले ही दिन गिरावट दर्ज की जाती है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आने वाले दिनों में सोने-चांदी का भविष्य कैसा रह सकता है.

आज के क्या हैं भाव

अभी की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में सोने का भाव 520 रुपये या 0.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,21,133 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. वहीं, चांदी के वायदा अनुबंधों की कीमत 1,598 रुपये या 1.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,48,667 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई.

सोने-चांदी की चाल को कौन तय करता है?

सोने और चांदी की कीमतों को केवल भारत की मांग नहीं, बल्कि कई वैश्विक कारक प्रभावित करते हैं-

  • जब अमेरिका की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आती है, तो निवेशक डॉलर से पैसा निकालकर सोने में लगाते हैं. इससे सोने की मांग बढ़ती है और दाम बढ़ जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ डॉलर का मजबूत होना सोने की कीमतों को नीचे लाता है.
  • जब दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता या कोई बड़ा संकट आता है तो सोना सबसे सुरक्षित निवेश बन जाता है. निवेशक घबराकर सोना खरीदते हैं, जिससे कीमतें आसमान छूने लगती हैं.
  • दुनियाभर के केंद्रीय बैंक (जैसे RBI) भी बड़ी मात्रा में सोना खरीदते हैं. उनकी खरीददारी से भी बाजार में सोने की उपलब्धता कम होती है और दाम बढ़ते हैं.

आने वाले समय में क्या हो सकता है?

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलांत्री ने कहा, "सोना-चांदी की कीमतों में एक हफ्ते के निचले स्तर से ऊपर की ओर तेजी देखी जा रही है, जिसे अमेरिका में राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच सेफ-हेवन बाईंग का सपोर्ट मिल रहा है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की पार्टी का न्यूयॉर्क सिटी मेयर इलेक्शन हार जाने से मिड-टर्म चुनावों से पहले चिंताएं बढ़ गई हैं."

वैश्विक अस्थिरता और महंगाई की चिंताएं बनी हुई हैं. इसलिए, विश्लेषकों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित बना रहेगा और इसकी कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं. वहीं, चांदी (Silver) का इस्तेमाल केवल आभूषणों में नहीं, बल्कि इंडस्ट्री में भी होता है, खासकर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स में. जैसे-जैसे वैश्विक अर्थव्यवस्था सुधरेगी और उद्योगों में चांदी की मांग बढ़ेगी, इसकी कीमतों में भी अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है.

निवेशकों के लिए सलाह

विशेषज्ञों की सलाह है कि सोने और चांदी में निवेश करते समय केवल दैनिक कीमतों पर ध्यान न दें. इसे हमेशा एक लंबी अवधि का निवेश मानकर चलें, क्योंकि यह संकट के समय आपकी कैपिटल को सेफ रखेगा.

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