घर में कितनी चांदी रख सकते हैं? कमाई पर टैक्स कितना लगेगा?

Tax on Silver: चांदी को बेचने पर ही पर टैक्स लगता है. टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने चांदी को कितने समय तक अपने पास रखा.

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इन दिनों सोने-चांदी की कीमतों ने सभी निवेशकों की नींद उड़ाई हुई है. कभी दाम बढ़ जाते हैं तो कभी गिर जाते हैं. चांदी ने निवेश के मामले में सोने को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे निवेशकों में इसकी डिमांड काफी बढ़ गई है. भारत में चांदी को लोग निवेश, संपत्ति और पारंपरिक मूल्य के तौर पर घर में रखते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि घर में चांदी रखने की कोई सीमा है या इस पर टैक्स कैसे लगता है? इस खबर में जानते हैं कि भारत में चांदी रखने और उस पर टैक्स से जुड़े आसान नियम क्या-क्या हैं.

घर पर चांदी रखने की लिमिट

सोने की तरह, चांदी (गहने, सिक्के, बर्तन या बार) को घर में रखने की कोई सीमा तय नहीं की गई है. आप अपनी इच्छा के अनुसार कितनी भी चांदी घर में रख सकते हैं, बशर्ते यह कानूनी तरीके से खरीदी गई हो या विरासत में मिली हो. अगर आपके पास बहुत ज्यादा चांदी है, तो उसकी खरीद के बिल (रसीद) हमेशा संभालकर रखें. भविष्य में आयकर विभाग (Income Tax Department) की जांच होने पर ये बिल आपकी संपत्ति का कानूनी प्रमाण होते हैं. याद रखें, आयकर विभाग तभी सवाल उठाता है जब उसे लगता है कि आपने संपत्ति छिपाकर रखी है या अवैध तरीके से कमाई है.

चांदी से होने वाली कमाई पर टैक्स

चांदी को बेचने पर ही पर टैक्स लगता है. टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने चांदी को कितने समय तक अपने पास रखा.

कितने समय में बेचामुनाफे की अवधिटैक्स के नियम
24 महीने से पहले बेचाशॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंसबेचने पर जो मुनाफा होगा, वह आपकी कुल सालाना इनकम में जुड़ जाएगा, और उस पर आपके टैक्स स्लैब की दर से टैक्स लगेगा.
24 महीने के बाद बेचालॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंसइस पर टैक्स की दर 20% रहेगी

चांदी पर लगने वाले दूसरे चार्ज

  • खरीदते समय चांदी के गहनों, बिस्किट या सिक्कों के मूल्य पर 3% जीएसटी लगता है.
  • अगर आप गहने बनवा रहे हैं, तो उसके मेकिंग चार्ज पर 5% जीएसटी लगता है.
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