घरेलू और वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें (Gold Prices At All Time High) बढ़कर एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई है. बीते दिन गुरुवार यानी 11 अप्रैल को भारत में 10 ग्राम शुद्ध सोने (24 कैरेट) की कीमत लगभग 72,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, स्पॉट गोल्ड (Spot Gold ) 0.6% की वृद्धि के साथ 2,345.56 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. यूएस गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.6% बढ़कर 2,362.80 डॉलर हो गया.
सोने की कीमतों में तेजी की कई वजहें हैं. जिसमें भू-राजनीतिक तनाव के बीच केंद्रीय बैंक द्वारा सोने की खरीदारी जैसे प्रमुख कारक शामिल हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, डेटा से पता चला है कि मार्च में अमेरिकी मुद्रास्फीति पूर्वानुमान से अधिक हो गई, जिससे जून में दर में कटौती की संभावना कम हो गई.
इस साल अब तक सोने में 14% बढ़ी है. वहीं, फरवरी से सोने की कीमत (Gold Rate Today) में लगभग 20% का उछाल देखा गया है. मार्च महीने से सोने और चांदी दोनों की कीमतें (Gold and silver prices) लगातार चढ़ रही हैं, जो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों बाजारों में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा रेट में कटौती की उम्मीदों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से सोने और चांदी की मांग में उछाल आया है.
विदेशी बाजारों से मजबूती के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतें बुधवार को लगातार तीसरे सत्र में नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. तेजी के इस दौर के बीच सोने की कीमत पहली बार 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है.
एक्सपर्ट आगे भी सोने की कीमतों (Gold prices) में तेजी जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं. जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के मेंबर नीरव भंसाली का अनुमान है कि इस साल के अंत तक सोने की कीमतें 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकती हैं. महंगाई और ब्याज दरों जैसे इकोनॉमिकल फैक्टर से आने वाले समय में सोने की कीमतों पर सीधा असर पड़ने की उम्मीद है.ऐसे में सोने की कीमतों में गिरावट (Gold Price Drop)आने का इंतजार करना सही नहीं है क्योंकि सोना कब सस्ता होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है.