गर फ्लाइट की टाइम से काफी पहले ही एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं तो आप अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल कर फ्री में लाउंज एक्सेस (Airport lounge Access) कर सकते हैं. एयरपोर्ट पर जल्दी पहुंच जाने या कनेक्टिंग फ्लाइट में ज्यादा समय का अंतर होने पर आप लाउंज में कंफर्टेबल होकर इंतजार कर सकते हैं. लेकिन फ्लाइट लेने से पहले अगर आपको फ्री में बढ़िया खाना, आरामदायक कुर्सियां, वाई-फाई, शावर, और कभी-कभी स्पा और बेड तक की सुविधा मिल जाए, तो यह किसी लग्जरी से कम नहीं लगता. खास बात यह है कि आपने एक भी रुपया खर्च नहीं किया होता, बस कार्ड स्वाइप किया और लाउंज में एंट्री मिल गई.
एयरपोर्ट लाउंज एंजॉय करते हैं… लेकिन बिल कौन भरता है?
लेकिन सवाल यह है कि जब यूजर पैसा नहीं दे रहा, और लाउंज भी फ्री में सर्विस नहीं दे रहा... तो फिर इस सारी सुविधाओं का बिल कौन भरता है? इसी सवाल का जवाब दिया है पुणे की वी स्क्वायर सिस्टम्स में काम कर रहे एक्स-डेटा एनालिस्ट सूरज कुमार तलरेजा ने, जो पहले स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में काम कर चुके हैं. उन्होंने 30 जुलाई को एक्स (पहले ट्विटर) पर बताया कि कैसे ये लाउंज काम करते हैं और इनका खर्च असल में कौन उठाता है.
क्या सच में एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस फ्री है?
सूरज तलरेजा का कहना है कि ज्यादातर लोग जब एयरपोर्ट लाउंज में एंटर करते हैं तो उन्हें लगता है कि ये सिर्फ एक कार्ड स्वाइप करने से फ्री एंट्री मिल रही है. लेकिन सच्चाई ये है कि इस एंट्री के पीछे एक बिजनेस मॉडल काम करता है, जहां आप नहीं, बल्कि आपका बैंक या कार्ड नेटवर्क इस एंट्री का पैसा चुका रहा होता है.
लाउंज एक्सेस क्रेडिट कार्ड के बेनिफिट पैकेज का हिस्सा
चाहे वो एचडीएफसी, एसबीआई, एक्सिस, आईसीआईसीआई या फिर रुपे कार्ड हो, हर बार जब आप कार्ड से लाउंज में जाते हैं, तो लाउंज ऑपरेटर को बैंक की तरफ से पेमेंट किया जाता है. ये क्रेडिट कार्ड के बेनिफिट पैकेज का हिस्सा होता है और बैंक इस खर्च को कस्टमर लॉयल्टी और मार्केटिंग कॉस्ट के तौर पर देखता है.
एक विजिट के लिए बैंक कितना पैसा देते हैं ?
डेटा एनालिस्ट सूरज तलरेजा के मुताबिक, भारत में एक बार लाउंज एंट्री के लिए बैंक 600 से 1200 रुपये तक लाउंज को पेमेंट करता है.अगर इंटरनेशनल लाउंज की बात करें, तो वहां यह खर्च 25 से 35 डॉलर तक हो सकता है. यानी अगर आप 30 मिनट वहां बैठकर एक सैंडविच और कॉफी का मजा ले रहे हैं, तो उसका बिल आपका बैंक भर रहा है.
एयरपोर्ट लाउंज असल में क्या होता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एयरपोर्ट लाउंज एक प्राइवेट स्पेस होता है जहां यात्री फ्लाइट से पहले थोड़ा रिलैक्स कर सकें. इसमें मिलती हैं कई सुविधाएं जैसे:
- बुफे खाना और ड्रिंक्स
- फ्री वाई-फाई और चार्जिंग पॉइंट
- न्यूजपेपर, टीवी, रेक्लाइनर सीट्स
- कुछ लाउंज में शावर, स्पा और स्लीपिंग पॉड्स भी होते हैं
लाउंज में एंट्री कैसे मिलती है?
भारत में सबसे कॉमन तरीका है क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए लाउंज एंट्री. इसके अलावा कुछ लोग Priority Pass, LoungeKey, DreamFolks जैसे इंटरनेशनल नेटवर्क से या फिर एयरलाइन स्टेटस या बिजनेस क्लास टिकट से भी लाउंज का इस्तेमाल करते हैं.हालांकि पेड एक्सेस भी एक ऑप्शन है, लेकिन ये इतना पॉपुलर नहीं है क्योंकि इसमें 1,500 से 3,000 रुपये तक लग सकते हैं.
लाउंज को फायदा कैसे होता है?
सूरज तलरेजा ने बताया कि लाउंज ऑपरेटर्स को हर विजिट के पैसे मिलते हैं, जिससे उनकी इनकम होती है. इसके अलावा वो फूड सर्विस और एयरपोर्ट के साथ टाई-अप कर खर्च घटाते हैं. कुछ लाउंज डे पास भी बेचते हैं. प्रॉफिट मार्जिन बहुत ज्यादा नहीं होता, लेकिन वॉल्यूम से कमाई हो जाती है.
बैंक भी इस मॉडल से फायदे में रहते हैं क्योंकि लोग कार्ड ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, ब्रांड से जुड़े रहते हैं और आगे चलकर प्रीमियम कार्ड लेने की तरफ बढ़ते हैं. यह साइकोलॉजी और इकनॉमिक्स का कॉम्बिनेशन है.
Priority Pass और DreamFolks जैसे नेटवर्क का रोल क्या है?
ये कंपनियां खुद लाउंज नहीं चलातीं, बल्कि दुनिया भर के हजारों लाउंज से पार्टनरशिप कर एक नेटवर्क बनाती हैं. फिर ये नेटवर्क बैंकों को एक्सेस बेचते हैं.बैंक इनसे डील करते हैं और यूजर को कार्ड या ऐप के जरिए एक्सेस दिया जाता है. नेटवर्क कंपनियां लाउंज सेटलमेंट करती हैं और बैंक से पेमेंट लेती हैं.
इससे साफ हो गया होगा कि एयरपोर्ट लाउंज फ्री नहीं हैं, बस आपको ऐसा महसूस होता है. इनका खर्च आप कहीं न कहीं पहले ही चुकाए होते हैं जैसे कार्ड की सालाना फीस या खर्च की लिमिट से.इसलिए अगली बार जब भी आप लाउंज जाएं तो इसे यह सोचकर एन्जॉय करें कि ये एक शानदार क्रेडिट कार्ड बेनिफिट है जो आपके फायदे के लिए ही बनाया गया है.