अगर दो पत्नियां हैं तो फैमिली पेंशन किसे मिलेगी? पत्नी नहीं है तो रिटायरमेंट के बाद कौन लेगा पैसा? जानिए नियम

Family Pension Rules after Retirement: कई बार कर्मचारी नॉमिनी बदलना भूल जाते हैं, जिससे बाद में परिवार को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. फैमिली पेंशन का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए यह जरूरी है कि कर्मचारी समय-समय पर अपने नॉमिनी की जानकारी अपडेट करता रहे.

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Family pension calculator: फैमिली पेंशन एक ऐसी सुविधा है जो कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देती है.
नई दिल्ली:

रिटायरमेंट के बाद हर कोई चाहता है कि उसके परिवार को किसी तरह की आर्थिक दिक्कत न हो. इसके लिए पेंशन सबसे बड़ी सहारा बनती है. नौकरी के दौरान जितनी मेहनत की जाती है, उसका सुकून भरा फल रिटायरमेंट के वक्त पेंशन के रूप में मिलता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर आपकी मृत्यु के बाद आपकी पत्नी या परिवार को पेंशन कौन देगा? और अगर दो पत्नियां हों तो किसे मिलेगी पेंशन का लाभ? या फिर अगर पत्नी ही नहीं है तो आपकी पेंशन किसके नाम जाएगी? ये सवाल जितने आम हैं, उनके जवाब उतने ही जरूरी.

आइए जानते हैं फैमिली पेंशन से जुड़े वो जरूरी नियम (Family pension Rules) जो हर नौकरीपेशा इंसान को पता होने चाहिए.

क्या होती है फैमिली पेंशन?

फैमिली पेंशन एक ऐसी सुविधा है जो कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देती है. अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पेंशन उसकी पत्नी को ट्रांसफर कर दी जाती है. यह तभी संभव होता है जब पति ने अपनी पत्नी को नॉमिनी (Nominee) बनाया हो.

सरकारी नियमों के मुताबिक, अगर पति की मृत्यु 60 साल की उम्र के बाद होती है, तो पत्नी को उसकी आधी पेंशन दी जाती है. लेकिन अगर पति की मौत 60 साल से पहले हो जाती है, तो पत्नी को पूरी पेंशन का लाभ मिलता है.

दो पत्नियां हैं तो किसे मिलेगी फैमिली पेंशन?

कई बार परिवार में एक से ज्यादा पत्नियां होती हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि फैमिली पेंशन किसे मिलेगी? सरकारी नियम साफ कहते हैं कि फैमिली पेंशन का अधिकार सिर्फ उसी पत्नी को मिलेगा जिसकी शादी कानूनी रूप से वैध है और जिसका नाम आधिकारिक रिकॉर्ड में नॉमिनी के तौर पर दर्ज है.

यानी यदि पहली पत्नी जीवित है और वही कानूनी पत्नी है, तो पेंशन का हक उसी को मिलेगा. अगर पहली पत्नी का निधन हो गया है, तो दूसरी पत्नी को पेंशन मिल सकती है  लेकिन तभी जब शादी कानूनी तौर पर वैध हो और उसका नाम नॉमिनी लिस्ट में शामिल हो.

अगर पत्नी नहीं है तो कौन लेगा पेंशन का पैसा?

अगर किसी पेंशनर की पत्नी नहीं है, तो उसकी फैमिली पेंशन उसके बच्चों को दी जाती है.

  • EPFO के नियमों के अनुसार, बच्चों की उम्र 25 साल से कम होनी चाहिए ताकि वे पेंशन के पात्र हों. अगर दो बच्चे हैं, तो दोनों को पेंशन बराबर-बराबर यानी आधी-आधी दी जाती है.
  • वहीं अगर किसी बच्चे को शारीरिक या मानसिक रूप से कोई समस्या है और वह खुद से जीवनयापन नहीं कर सकता, तो उसे पूरी जिंदगी तक 75 प्रतिशत पेंशन दी जाती है. यानी ऐसे बच्चे को पेंशन आजीवन मिलती रहती है.

नॉमिनी अपडेट करना क्यों जरूरी है ?

फैमिली पेंशन का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए यह जरूरी है कि कर्मचारी समय-समय पर अपने नॉमिनी की जानकारी अपडेट करता रहे. कई बार कर्मचारी नॉमिनी बदलना भूल जाते हैं, जिससे बाद में परिवार को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. इसलिए अगर जीवन में कोई बदलाव होता है जैसे शादी, तलाक या पत्नी का निधन तो नॉमिनी अपडेट जरूर करें.

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रिटायरमेंट प्लानिंग सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के भविष्य की सुरक्षा के लिए भी होती है. फैमिली पेंशन का सही फायदा तभी मिलता है जब आप सही जानकारी के साथ जरूरी कदम समय रहते उठा लें.

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