एयरस्पेस मैनेजर सॉफ्टवेयर सिस्टम की एक गलती ने UK को इस दशक के सबसे बड़े आउटेज पर लाकर खड़ा कर दिया. बात दरअसल ये रही कि सॉफ्टवेयर सिस्टम दो जियोग्राफिकल चेकप्वाइंट्स, जो एक दूसरे से 4,000 नॉटिकल मील दूर हैं, उनके बीच में कन्फ्यूज हो गया और इसी गड़बड़ी के चलते पूरा सॉफ्टवेयर सिस्टम ही बैठ गया.
UK की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने बताया कि वो इस तकनीकी दिक्कत को रिव्यू करेंगे, जिसकी वजह से पिछले हफ्ते एक एयरलाइन के फ्लाइट प्लान को प्रोसेस करने में हुई गलती के बाद सैकड़ों फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा या देरी हुई.
नेशनल एयर ट्रैफिक सर्विसेज (NATS) की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, गड़बड़ी की वजह से सुरक्षा कारणों से NATS द्वारा संचालित सॉफ्टवेयर सिस्टम बंद हो गया. जिसकी वजह से एयर-ट्रैफिक स्टाफ को फ्लाइंग प्लान को मैन्युअल रूप से इनपुट करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे प्रोसेस होने वाले एयर ट्रैफिक में बहुत ज्यादा कमी आ गई.
खामियाजा
इस घटना ने 28 अगस्त को UK में एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई. जिससे विमानों की स्थितियां अपनी जगह से बदल गईं और यात्री फंस गए. एविएशन एनालिटिक्स फर्म सीरियम के अनुसार, ब्रिटेन के हवाई अड्डों से जाने वाली करीब 800 उड़ानें रद्द कर दी गईं, साथ ही इतनी ही संख्या में आने वाली फ्लाइट्स को भी कैंसिल करना पड़ा.
क्या था NATS रिपोर्ट में?
नेशनल एयर ट्रैफिक सर्विसेज (NATS) ने जानकारी दी कि घटना के दिन, एक एयरलाइन ने सिस्टम में एक ऐसा प्लान बनाया जो UK के हवाई क्षेत्र से गुजरता था. NATS के CEO मार्टिन रोल्फ ने इस फ्लाइट का आउटेज का लिए जिम्मेदार नहीं होना बताते हुए इसकी जानकारी देने से मना कर दिया.
चूंकि फ्लाइट के प्लान में दिक्कत नहीं थी, इसने सिस्टम को खराब कर दिया क्योंकि NATS से चलने वाले इस सॉफ्टवेयर को मैप पर दो अलग जगहों की डुप्लिकेट आइडेंटिटी (duplicate identity) मिली. रोल्फ के मुताबिक, दुनिया भर में ढेर सारे फ्लाइट-प्लान वे-पॉइंट्स हैं, और इनको हटाने के बावजूद अभी भी डुप्लिकेट बने हुए हैं.
इस मामले में, NATS सिस्टम ने उस पॉइंट को तो बिल्कुल सही तरीके से पहचान लिया जिस पर विमान को UK में पार करना था, मगर चूक हो गई एग्जिट पॉइंट पर. क्योंकि एग्जिट पॉइंट का एक डुप्लिकेट नाम था जो लगभग 4,000 नॉटिकल मील दूर मैप पर एक अलग जगह से मेल खाता था.
जब प्राइमरी सिस्टम एग्जिट प्वाइंट का नहीं पता कर पाया, तो बैकअप सिस्टम ने भी इस गलती को दोहराया, जिसकी वजह से NATS का सॉफ्टवेयर शटडाउन हो गया.
फिलहाल जुगाड़ से चल रहा काम
NATS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वो जल्दी ही इस सॉफ्टवेयर को अपडेट करके शटडाउन करने से रोकेगी, जिससे भविष्य में इस तरह के आउटेज से न गुजरना पड़े. रोल्फ ने कहा कि सॉफ्टवेयर को टेस्टिंग के बाद, कुछ ही दिन में इस्तेमाल किया जा सकेगा. फिलहाल के लिए, एक टेम्परेरी फिक्स को इस जगह लगाया गया है ताकि पूरे सिस्टम में कोई दिक्कत न आए.