ITR भरते समय इन 5 डॉक्यूमेंट्स को पास में रखना ना भूलें, नहीं तो लगवा बैठेंगे पेनल्टी

15 सितंबर की तारीख नजदीक आ रही है. अभी भी लाखों ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जो आईटीआर भरने में लगे हुए हैं. इस खबर में जानिए उन 5 डॉक्यूमेंट्स के बारे में, जो आईटीआर भरते समय आपके पास होना जरूरी है.

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR भरने की आखरी तारीख 31 जुलाई 2025 से 15 सितंबर 2025 कर दी थी. ये डेडलाइन उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिन्हें अपने अकाउंट को ऑडिट कराने की जरूरत नहीं होती है, जैसे सैलरी और पेंशन पाने वाले लोग. हालांकि जिन टैक्सपेयर्स को ऑडिट कराने की जरूरत है, उनके लिए ITR भरने की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

15 सितंबर की तारीख नजदीक आ रही है. अभी भी लाखों ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जो आईटीआर भरने में लगे हुए हैं. इस खबर में जानिए उन 5 डॉक्यूमेंट्स के बारे में, जो आईटीआर भरते समय आपके पास होना जरूरी है. इससे आप जल्द से जल्द अपना आईटीआर बिना किसी गलती के भर सकते हैं.

फॉर्म 16- टीडीएस

सैलरी लेने वाले टैक्सपेयर्स के लिए फॉर्म 16 एक जरूरी डॉक्यूमेंट है. दरअसल एम्प्लॉयर पहले ही सैलरी पर टीडीएस काटते हैं. इसलिए फाइनेंशियल ईयर के दौरान काटे हुए टीडीएस के प्रूफ के लिए फॉर्म-16 देना जरूरी है. इस सर्टिफिकेट से टैक्सपेयर्स सैलरी स्टेटमेंट को क्रॉस चेक भी कर सकते हैं, जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म में पहले से फिल होते हैं. 

कैपिटल गेन स्टेटमेंट

अगर आपको शेयर्स या म्यूचुअल फंड बेचने से कोई कैपिटल गेन हुआ है तो इसे अपने आईटीआर में बताना जरूरी है. इसमें कोई समस्या ना हो उसके लिए अपने स्टॉक ब्रोकर से कैपिटल गेन स्टेटमेंट लेना सही रहता है. इससे आपको पता चल जाएगा कि आपने लॉन्ग टर्म के साथ शॉर्ट टर्म के लिए कहां-कहां निवेश किया हुआ है.

एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट

एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट आपको टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से मिल जाएगा. इसके जरिए आईटीआर भरने का प्रोसेस काफी हद तक आसान हो जाता है. इस स्टेटमेंट के जरिए सेविंग अकाउंट पर इंटरेस्ट, डिविडेंड, संपत्तियों की खरीद-बिक्री की जानकारी होती है. 

इंटरेस्ट सर्टिफिकेट और बैंक स्टेटमेंट

टैक्सपेयर्स को बैंक के साथ डाकघरों से मिली ब्याज का सर्टिफिकेट ले लेना चाहिए. साथ ही उस फाइनेंशियल ईयर का बैंक स्टेटमेंट भी ले लेना चाहिए. इसके जरिए आप एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट में दी हुई जानकारी को वैरिफाई कर सकते हैं. साथ ही उस इनकम के बारे में भी पता कर सकते हैं, जो एआईएस में नहीं होती है.

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टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट

ऐसे टैक्सपेयर्स जो पुरानी रिजीम में हैं, उनके लिए टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट रखना बहुत जरूरी है. इससे सेक्शन 80सी, 80सीसीडी (1बी), 80डी, 80डीडी और 80टीटीए की डिडक्शन के बारे में जल्द ही वैरिफाई कर सकते हैं. 

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