दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार (7 अक्टूबर) को एटीसी का सर्वर अचानक डाउन हो गया था. इस वजह से 750 से ज्यादा उड़ानों पर असर पड़ा और एयरपोर्ट पर काफी अफरा-तफरी रही. हालांकि देर रात तक सिस्टम को फिर से बहाल कर दिया गया और अब स्थिति सामान्य हो रही है. दिल्ली एयरपोर्ट ने एक्स पर लिखा, 'ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में आई तकनीकी दिक्कत, जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल में फ्लाइट से जुड़ी जानकारी संभालता है, अब धीरे-धीरे ठीक हो रही है. दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन फिर से सामान्य होने लगा है. सभी संबंधित टीमें यात्रियों को कम से कम परेशानी हो, इसके लिए लगातार काम कर रही हैं. यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी उड़ान से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए अपनी एयरलाइन से संपर्क बनाए रखें.'
इंडिगो एयरलाइन ने भी ट्रेवल एडवाइजरी जारी की. इसने एक्स पर लिखा, 'एयरपोर्ट और ATC की टीमें सिस्टम को ठीक करने पर तेजी से काम कर रही हैं और स्थिति कुछ घंटों में सामान्य होने की उम्मीद है. इस दौरान कुछ उड़ानों के आने-जाने के समय में बदलाव हो सकता है. हमारी टीमें एयरपोर्ट पर मौजूद हैं और यात्रियों को नई जानकारी और कनेक्शन में मदद कर रही हैं. अगर आप आज यात्रा कर रहे हैं, तो अपना फ्लाइट स्टेटस यहां देखेते और एयरपोर्ट थोड़ा पहले पहुंचें.'
दिल्ली एयरपोर्ट पर अब कैसी है स्थिति?
दिल्ली एयरपोर्ट पर अब स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन 100 से अधिक विमान प्रभावित है. इसमें डॉमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों विमान शामिल है. फ्लाइटराडार के अनुसार, जाने वाली विमान 21 मिनट की देरी से रवाना हो रहे हैं जबकि आने वाले विमान 5 मिनट देरी से पहुंच रहें है. तकनीकी समस्या के कारण एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा एयरलाइन्स की विमानों पर असर पड़ा है.
दिल्ली एयरपोर्ट पर क्या हुआ?
दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में गुरुवार शाम के बाद शुक्रवार को भी तकनीकी खराबी आने से फ्लाइटस ऑपरेशन करीब 14 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा. इस कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट के अराइवल और डिपार्चर में काफी समस्या हुईं और करीब 750 से ज्यादा विमान समय पर उड़ान नहीं भर सके और 20 को रद्द करना पड़ा. इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हुईं और एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ गई.
क्या होता है एएमएसएस?
AMSS एक कंप्यूटर सिस्टम है जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल को फ्लाइट से जुड़ी जानकारी भेजने में मदद करता है इसके जरिए पायलट, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स के बीच मैसेज तुरंत भेजे जाते हैं. इन मैसेज में फ्लाइट का रूट, कितनी ऊंचाई पर उड़ रही है, कितना फ्यूल है, कब उड़ान भरी और कब लैंड हुई जैसी जानकारी होती है.
मौसम की स्थिति और फ्लाइट में देरी या बदलाव की जानकारी भी इसी सिस्टम से जाती है. जब एयरलाइन या पायलट फ्लाइट का प्लान डालते हैं, तो एएमएसए उसे चेक करके सही जगहों पर भेज देता है. अगर रूट या मौसम बदलता है, तो वही सिस्टम तुरंत सभी को अलर्ट कर देता है और यदि अगर यह सिस्टम बंद हो जाए, तो यह काम हाथ से करना पड़ता है, जिससे एयर ट्रैफिक कंट्रोल का काम बढ़ जाता है और उड़ानों में देरी होने लगती है. ऐसी स्थिति में टेकऑफ और लैंडिंग धीमी होती है.














