भारत में हालिया सालों में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के ज़रिये खर्च किए जाने की प्रवृत्ति काफी तेज़ी से बढ़ी है. ऐसा खासतौर से कोविड महामारी (COVID Pandemic) के फैलाव के बाद हुआ है.
भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India या RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, मई माह के दौरान देशभर में क्रेडिट कार्ड के ज़रिये हुआ खर्च सार्वकालिक उच्चतम स्तर 1,14,000 करोड़ रुपये Trillion) पर पहुंच गया. रिवॉर्ड प्वाइंट से लेकर डिस्काउंट और कैशबैक के लाभों के चलते लोग अब क्रेडिट कार्ड के ज़रिये ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं.
क्रेडिट कार्ड से एक अन्य लाभ यह है कि इसमें आमतौर पर व्यय करने वाले को कम से कम खर्च करते वक्त अपने बैंक बैलेंस की चिंता नहीं करनी पड़ती है. हालांकि क्रेडिट कार्ड से किए गए खर्च के प्रति लापरवाह होना आपकी वित्तीय स्थिति पर विपरीत असर डाल सकता है.
क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में देरी जैसी आदतों से न सिर्फ जुर्माना लग जाया करता है, बल्कि इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है. सो, हमेशा बेहतर होगा कि अपने क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करने से पहले आप कुछ चीज़ों को ज़रूर याद रखें.
आज हम आपको कुछ टिप दे रहे हैं, ताकि आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल समझदारी से कर सकें.
स्टेटमेंट चेक करते रहें...
क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करना जितना सरल है, उतना ही सरल उसकी स्टेटमेंट को चेक करना भी होता है, लेकिन फिर भी बहुत-से लोग अपने क्रेडिट कार्ड के ड्यूज़ और मासिक स्टेटमेंट को नियमित रूप से चेक नहीं करते. दरअसल, स्टेटमेंट को नियमित रूप से चेक करते रहकर आप न सिर्फ अपने खर्च पर नज़र रख सकते हैं, बल्कि कोई भी गलती होने की स्थिति में उसे पकड़कर ठीक भी करवा सकते हैं, ताकि आपका क्रेडिट स्कोर खराब न हो.
समय पर करें भुगतान...
समय पर क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना आपकी प्राथमिकता होना चाहिए. देरी से बिल चुकता करने पर न सिर्फ जुर्माना लगाया जाता है, ब्याज़ दर भी बढ़ जाती है. सो, अपने बिलों के भुगतान के लिए रिमाइंडर लगाकर रखना बेहतर आइडिया है, ताकि जुर्माने (Late Feee) और ज़्यादा ब्याज़ अदा करने से बचा जा सके.
क्रेडिट कार्ड को अक्सर या बहुत ज़्यादा स्वाइप न करें...
क्रेडिट कार्ड रखने के निश्चित रूप से कुछ फायदे हैं, लेकिन उन्हें बार-बार, अक्सर स्वाइप करने से आपके बैंक की नज़र में आपकी छवि प्रभावित होती है. छोटे-छोटे खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड के भरोसे रहने से संकेत जाता है कि आप उधार पर बहुत ज़्यादा निर्भर करते हैं. इससे आपकी छवि खराब होती है. कार्ड जारी करने वाले, यानी आपको क्रेडिट देने वाले बैंक लगातार आपके कार्ड के लेनदेन पर नज़र रखते हैं, और अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर आउटस्टैंडिंग, यानी देनदारी कुछ ज़्यादा या बड़ी रकम की है, तो वह आइंदा नया लोन देने से इंकार कर सकते हैं.
क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेशो (CUR) पर रखें नज़र...
CUR वह रेशो या अनुपात है, जो आपने दिए गए कुल क्रेडिट में से वास्तव में इस्तेमाल किया. यानी आपके बैंक ने आपको जितने क्रेडिट योग्य कार्ड जारी किया, उसमें से कितना प्रतिशत आपने वास्तव में खर्च किया. इसे आमतौर पर प्रतिशत में ही मापा जाता है. बढ़िया क्रेडिट स्कोर बनाए रखना अहम पहलू है, क्योंकि CUR अधिक होने पर आपका ऋणदाता बैंक यह समझ सकता है कि आप अपने वित्तीय देनदारियों का बजट ठीक से नहीं बना पाते हैं, और उधार पर बहुत ज़्यादा निर्भर करते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय पर करें, या अपने बैंक से अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वा लें.
लिमिट में रहकर ही खर्च करें...
क्रेडिट कार्ड से खर्चा उसी स्थिति में करना चाहिए, जब आपको उसे समय पर चुका देने का भरोसा हो. गैरज़रूरी खरीदारी में ज़रूरत से ज़्यादा खर्च कर देना क्रेडिट कार्ड के बिल को बेवजह बढ़ाता है, जिसका भुगतान करने में आपको बाद में दिक्कत आ सकती है... सो, बेहतर होगा कि क्रेडिट कार्ड से लिमिट में रहकर ही खर्च किया जाए, जो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी दिखाई देगा, और बाद में किसी भी लोन लेने जाते वक्त आपको लाभ देगा.
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