दृष्टिबाधितों, बुज़ुर्गों की गतिशीलता बढ़ाने के लिए बनाया ऐप 'कैनेरी' हुआ लॉन्च

'कैनेरी' इन्डोर नैवीगेशन एप्लीकेशन डॉ मैथ्यू वर्गीस द्वारा फ़ॉर्मूलेट किया गया आइडिया है, जो विशेष रूप से दृष्टिबाधितों और बुज़ुर्गों की गतिशीलता व स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया सॉल्यूशन है.

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नई दिल्ली:

दृष्टिबाधित लोगों और बुज़ुर्गों की गतिशीलता और आज़ादी को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए कतई इनोवेटिव समाधान 'कैनेरी' - एक इन्डोर नैवीगेशन एप्लीकेशन - को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने लॉन्च किया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांग संस्थान (PDUNIPPD) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री बी.एल. वर्मा तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत DePwD के सचिव तथा IAS अधिकारी राजेश अग्रवाल भी उपस्थित थे. मैत्रेयी कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) के सहयोग से CURE इंडिया द्वारा विकसित यह पहल 'कैनेरी' PDUNIPPD को इन्डोर नैविगेशन के लिए भारत में पहला पूरी तरह सुलभ राष्ट्रीय संस्थान बनाने की दिशा में अहम उपलब्धि है.

'कैनेरी' इन्डोर नैवीगेशन एप्लीकेशन डॉ मैथ्यू वर्गीस द्वारा फ़ॉर्मूलेट किया गया आइडिया है, जो विशेष रूप से दृष्टिबाधितों और बुज़ुर्गों की गतिशीलता व स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया सॉल्यूशन है. NFC और ब्लूटूथ LE बीकन्स के ज़रिये इन्डोर स्थानों के भीतर स्पष्ट और सुलभ नैविगेशन प्रदान कर 'कैनेरी' यूज़र को जटिल माहौल में भी पूरे आत्मविश्वास के साथ नैविगेट करने में मदद करता है. यह एप्लीकेशन समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक फ़ीचरों की मदद से एक्सेसेबिलिटी टेक्नोलॉजी में मौजूद गैप को पाटता है.

इस प्रोजेक्ट को मैत्रेयी कॉलेज के कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के सात प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की भागीदारी से विकसित किया गया, जिन्हें CURE इंडिया के श्री एंड्रयूज़ और मैत्रेयी कॉलेज की डॉ स्मृति सिंह द्वारा प्रशिक्षित किया गया, और उन्हीं के नेतृत्व और मार्गदर्शन में विकास कार्य किया गया. एक्सेसेबिलिटी कन्सल्टेंट के रूप में प्रोजेक्ट का मार्गदर्शन कर रहीं डॉ स्मृति सिंह स्वयं भी पूर्णतः दृष्टिबाधित हैं.

लॉन्च के अवसर पर मैत्रेयी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ हरितमा चोपड़ा, एनेबलिंग यूनिट के डॉ प्रमोद और CURE इंडिया के निदेशक डॉ संतोष की उपस्थिति में डॉ वीरेंद्र कुमार ने इस अभिनव प्रयास की सराहना की, और कहा, "कैनेरी का विकास दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता में अहम कदम है... यह इस बात का अनुकरणीय प्रदर्शन है कि कैसे प्रौद्योगिकी और सहयोग सामाजिक परिवर्तन ला सकते हैं और सभी के लिए अधिक पहुंच को बढ़ावा दे सकते हैं..."

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दिव्यांगता की रोकथाम और पुनर्वास के लिए उन्नत समाधानों में अग्रणी CURE इंडिया कैनेरी को सामाजिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के अपने व्यापक मिशन के हिस्से के रूप में देखता है. यह लॉन्च यह सुनिश्चित करने के लिए संगठन की चल रही प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि व्यक्तियों को भौतिक सीमाओं की परवाह किए बिना उन उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हो, जो स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं.

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PDUNIPPD में कैनेरी का लॉन्च भारत की अधिक समावेशिता की यात्रा में अहम पल है, जो इस बात के लिए एक मिसाल कायम करता है कि कैसे प्रौद्योगिकी का उपयोग सुलभ स्थान बनाने के लिए किया जा सकता है. यह पहल नवाचार के माध्यम से वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान में शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों के बीच साझीदारी की अहमियत पर रोशनी डालती है.

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