केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस 2025 में बड़ा संशोधन किया है.इसके तहत जल्द ही Ola, Uber और Rapido जैसे कैब एग्रीगेटर ऐप्स पर राइड बुक करते समय यात्रियों को ड्राइवर का जेंडर चुनने का विकल्प मिल सकता है. खासतौर पर महिला यात्रियों के लिए यह एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि वे अपनी यात्रा के लिए महिला ड्राइवर को प्राथमिकता दे सकेंगी. इसके साथ ही सरकार ने टिपिंग सिस्टम को भी ज्यादा पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं.
ये बदलाव केंद्र सरकार की ओर से जारी मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में किए गए संशोधनों का हिस्सा हैं. इनका मकसद यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना और कैब सर्विसेज को ज्यादा भरोसेमंद बनाना है. केंद्र सरकार ने राज्यों को इन गाइडलाइंस को अपनाने और लागू करने के निर्देश दिए हैं.
कब से लागू होगा नया नियम
नए नोटिफिकेशन में किसी खास तारीख का जिक्र नहीं किया गया है. आमतौर पर ऐसी गाइडलाइंस जारी होने की तारीख से ही प्रभावी मानी जाती हैं. इससे पहले जुलाई 2025 में जब गाइडलाइंस आई थीं, तब राज्यों को उन्हें लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था. हालांकि अभी कोई तय समय-सीमा घोषित नहीं की गई है, लेकिन संशोधित नियमों के लिए भी कुछ ऐसा ही समय मिल सकता है.
जेंडर चॉइस फीचर: कैसे होगा लागू
ये नियम केंद्र सरकार ने बनाए हैं, लेकिन इन्हें जमीन पर लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी. राज्य अपने लाइसेंसिंग सिस्टम में इन बदलावों को शामिल करेंगे. कैब कंपनियों को अपने ऐप्स में जरूरी बदलाव करने होंगे, ताकि यात्रियों को ड्राइवर का जेंडर चुनने का विकल्प मिल सके. यह फीचर गाइडलाइंस के क्लॉज के तहत अनिवार्य किया गया है. अगर कोई एग्रीगेटर इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है. हालांकि, ऐप अपडेट और सिस्टम में बदलाव करने में कंपनियों को कुछ समय लग सकता है.
महिला ड्राइवरों की कम संख्या बनी चुनौती
इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नियम को पूरी तरह लागू करना आसान नहीं होगा. फिलहाल देश में कुल कैब ड्राइवरों में महिलाओं की हिस्सेदारी 5 फीसदी से भी कम है. ऐसे में हर समय महिला ड्राइवर उपलब्ध कराना मुश्किल हो सकता है.
टिपिंग सिस्टम में भी बदलाव
सरकार ने टिप देने के नियमों को भी पारदर्शी बना दिया है. अब यात्री सफर पूरा होने के बाद ड्राइवर को अपनी मर्जी से टिप दे सकेंगे.
- टिप देने का विकल्प सिर्फ ट्रिप खत्म होने के बाद ही मिलेगा.
- पूरी टिप ड्राइवर को ही मिलेगी, इसमें से कोई कटौती नहीं होगी.
- कंपनियां टिप के लिए किसी भी तरह के भ्रामक या दबाव बनाने वाले तरीकों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी.
कुल मिलाकर, नए नियमों से यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों की कमाई दोनों को बेहतर बनाने की कोशिश की गई है.














