बिहार में वोट डालने का तरीका अब और एडवांस होने जा रहा है. चुनाव आयोग (EC) जल्द ही राज्य के हर वोटर को नया टेक-ड्रिवन वोटर कार्ड (New Voter IDCard) देने की तैयारी कर रहा है. 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट (Bihar Voters List) आने के बाद इस नए कार्ड की प्रोसेस शुरू होगी. खास बात यह है कि ये कार्ड अब सिर्फ पेपर और प्लास्टिक तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि डिजिटल फॉर्मेट यानी e-EPIC में भी मिलेगा.
नया वोटर कार्ड क्यों है जरूरी ?
पिछले कुछ समय से बिहार में वोटर लिस्ट का स्पेशल रिविजन चल रहा है. जब वोटर्स को फार्म दिया गया था, तब उनसे नया फोटो भी मांगा गया था. अब उसी फोटो का इस्तेमाल कर नया कार्ड बनाया जाएगा. इसका फायदा ये होगा कि रिकॉर्ड अपडेट रहेंगे और डुप्लीकेट या फर्जी कार्ड बनाने की गुंजाइश कम होगी.
e-EPIC क्या है और कैसे काम करेगा?
नया डिजिटल कार्ड यानी e-EPIC एक सिक्योर PDF फाइल होगी. इसमें QR कोड रहेगा, जिसमें वोटर की डिटेल्स जैसे सीरियल नंबर, पार्ट नंबर और बेसिक डेमोग्राफिक जानकारी स्टोर होगी. यह कार्ड मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर दिखाया जा सकता है. मतलब अगर कोई वोटर फिजिकल कार्ड भूल भी जाए, तो डिजिटल कार्ड से भी काम हो जाएगा.
वोटर्स को नया कार्ड कैसे मिलेगा?
ECI के प्लान के मुताबिक, नए एप्लिकेंट्स यानी जिन्होंने फॉर्म-6 भरा है और मोबाइल नंबर रजिस्टर कराया है, उन्हें सबसे पहले e-EPIC डाउनलोड करने का ऑप्शन मिलेगा. इसके बाद बाकी वोटर्स को भी स्टेप-बाय-स्टेप ये सुविधा दी जाएगी. फिजिकल कार्ड भी पहले से फास्ट प्रोसेस में मिलेगा और EC का दावा है कि अब 15 दिन में कार्ड घर तक डिलीवर हो जाएगा. साथ ही SMS और NVSP पोर्टल से रियल टाइम ट्रैकिंग भी मिलेगी.
बिहार में कितने वोटर्स और क्या नई तैयारी?
1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट रोल के मुताबिक, बिहार में इस बार 7.24 करोड़ वोटर्स हैं. 30 सितंबर को फाइनल लिस्ट आएगी और नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है, ऐसे में नई सरकार बनाना जरूरी है.
इसके अलावा बिहार पहला राज्य बना है जहां एक पोलिंग बूथ पर वोटर्स की संख्या 1500 से घटाकर 1200 की गई है. इससे भीड़ कम होगी और वोटिंग का अनुभव आसान बनेगा. पोलिंग बूथ्स की संख्या भी बढ़कर 90,000 हो गई है.
नए टेक-ड्रिवन वोटर कार्ड से वोटर्स को कई मिलेंगे फायदे
- कार्ड मिलने में देरी खत्म होगी.
- वोटिंग में फर्जीवाड़े की संभावना घटेगी.
- Digital India मिशन के तहत चुनाव और स्मार्ट बनेंगे.
- वोटर्स के लिए आसान ऑप्शन रहेगा कि फिजिकल या डिजिटल किसी भी कार्ड से पहचान दी जा सके
बिहार चुनाव से पहले ये बदलाव वोटर्स के लिए बड़ी राहत साबित हो सकते हैं. अब देखना ये होगा कि 30 सितंबर को फाइनल लिस्ट के बाद ये नई टेक्नोलॉजी कब से पूरी तरह लागू होती है.