Post Office Saving Schemes 2024: ज्यादातर लोग अपना पैसा ऐसे जगह निवेश करना चाहते हैं, जो रिस्क फ्री हो और जहां बढ़िया रिटर्न मिले. इस लिहाज से पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स (Post Office Schemes) लोगों को खास पसंद आती हैं क्योंकि निवेश के लिहाज से पोस्ट ऑफिस में निवेश की गई रकम सुरक्षित रहती है.अगर आप भी पोस्ट ऑफिस की किसी स्कीम में निवेश (Post Office Investment) की योजना बना रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (Monthly Income Scheme) का विकल्प चुन सकते हैं.
यह पोस्ट ऑफिस की एक स्मॉल सेविंग (Small Savings Schemes) स्कीम है. इसमें निवेश करने के बाद आपका मंथली इनकम शुरू हो जाता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंथली इनकम पाने के लिए आप पोस्ट ऑफिस की इस योजना में किस तरह और कितना निवेश कर सकते हैं. इसपर ब्याज कितना मिलेगा और इस स्कीम के तहत मंथली इनकम का लाभ कब तक मिल पाएगा. तो चलिए जानते हैं...
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम क्या है?
मंथली इनकम स्कीम (Monthly Income Scheme - MIS) एक तरह की पेंशन स्कीम है. इस स्कीम में एकमुश्त पैसा जमा करके, फिर अगले 5 साल तक आपकी हर महीने गारंटीड इनकम होगी. MIS में सिंगल और जॉइंट अकाउंट दोनों से निवेश का विकल्प मौजूद है. सिंगल अकाउंट के जरिए अधिकतम 9 लाख रुपये तक और जॉइंट अकाउंट से अधिकतम 15 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है.
आसान भाषा में कहें तो पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) एक तरीके का टर्म डिपॉजिट अकाउंट (Term Deposit Account) है, जिस पर आपको हर महीने इंटरेस्ट यानी ब्याज मिलता है. आप एक निश्चित अमाउंट इसमें डालकर फिर ब्याज के जरिए हर महीने फिक्स्ड इनकम पा सकते हैं. इसका इन्वेस्टमेंट पीरियड 5 साल है.
हर महीने 5,550 से लेकर 9,250 तक हो सकती है कमाई
बता दें कि मौजूदा समय में इस स्कीम पर 7.4% का सालाना ब्याज दिया जा रहा है. हालाकिं, इसकी ब्याज दरें समय के साथ बदल सकती हैं. इस तरह अगर आप मंथली इनकम स्कीम (MIS) में 9 लाख की एकमुश्त राशि जमा करते हैं तो आपको 5 वर्षों तक हर महीने 5,550 का मासिक ब्याज मिलेगा. वही, MIS में 15 लाख के निवेश पर हर महीने आपकी मंथली इनकम 9,250 रुपये होगी.
स्कीम पर नहीं लगेगा कोई टैक्स
इस स्कीम पर कोई वेल्थ टैक्स नहीं लगता है. इस स्कीम पर TDS (tax deducted at source) या टैक्स रिबेट भी लागू नहीं होता है, न ही ये इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत आती है. इस स्कीम में आपके डिपॉजिट यानी निवेश पर जो ब्याज मिलता है, वो टैक्सेबल होता है. जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं तो आपको इससे हुई इनकम को 'Income from Other Sources' कैटेगरी में दिखाना होता है.
आपको इस स्कीम से मिले ब्याज से हुई कमाई पर अपने टोटल इनकम पर लागू हो रहे इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक ही टैक्स भरना होगा. इसलिए अगर आपने इस स्कीम में निवेश कर रखा है और हर महीने इस पर मिलने वाले ब्याज से कमाई कर रहे हैं तो इसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना न भूलें.
मैच्योरिटी पीरियड से पहले पैसे निकालने पर लगेगा जुर्माना
इस स्कीम के तहत अकाउंट खुलवाने के बाद आप एक साल तक पैसे नहीं निकाल सकते हैं. वहीं, अगर इसका मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले यानी 3 से 5 साल के बीच में निकालते हैं तो मूलधन में से 1 फीसदी की रकम काटकर वापस की जाएगी. जबकि मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर पैसे निकालते हैं तो आपको स्कीम के सारे फायदे मिलेंगे.
मंथली इनकम स्कीम (MIS) उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो नियमित आय चाहते हैं और जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. यह रिटायरमेंट की योजना बनाने के लिए भी बेस्ट स्कीम हो सकता है.