देश में लगभग सभी बड़े बैंक, चाहे वो निजी हों या सार्वजनिक क्षेत्र के हों, अपने ग्राहकों पर हर महीने एटीएम के जरिए फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा का नियम लागू करते हैं. यानी कि ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से एक महीने के भीतर निर्धारित सीमा के भीतर कैश निकाल सकते हैं और इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन अगर वो फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट के बाद कोई ट्रांजैक्शन करते हैं, (जिसमें फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल सेवाएं शामिल हैं), तब बैंक उनसे एक निर्धारित शुल्क लेते हैं. अब आप एटीएम में कितनी बार बिना किसी फीस के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं या फिर आप पर शुल्क कितना लगेगा, यह आपके अकाउंट टाइप और डेबिट कार्ड पर निर्भर करेगा.
केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले साल जून में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत बैंकों को एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट पार होने पर हर ट्रांजैक्शन के ऊपर 21 रुपये का चार्ज लगाने की अनुमति मिली थी. इसके पहले यह शुल्क 20 रुपये था. यह नया बदलाव 1 जनवरी, 2022 से लागू हो चुका है.
नियम के मुताबिक, ग्राहक हर महीने अपने बैंक के एटीएम से पांच बार बिना किसी शुल्क के कैश निकाल सकते हैं. वहीं, किसी और बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करने पर यह लिमिट तीन बार है. नॉन-मेट्रो शहरों में ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम में भी पांच ट्रांजैक्शन बिना किसी शुल्क के कर सकते हैं.
आपको बता दें कि आरबीआई ने 1 अगस्त, 2022 से बैंकों को हर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर 17 रुपये और हर नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर 6 रुपये की इंटरचेंज फीस लगाने की अनुमति दी है. सभी बड़े बैंक डेबिट या एटीएम कार्ड पर एक सालाना फीस भी लेते हैं, हालांकि, यह चार्ज डेबिट कार्ड के टाइप पर निर्भर करता है.
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) कितना चार्ज लेता है-
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के शुल्क
HDFC बैंक के चार्जेज़
एक्सिस बैंक (Axis Bank) के शुल्क
ICICI Bank के शुल्क
बैंक कई तरह के ट्रांजैक्शन और सेवाओं को लेकर शुल्क लागू करते हैं. अगर हम वित्तीय सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो हमें इनकी जानकारी होनी चाहिए.