8th Pay Commission: आठवें वेतन आयेाग के गठन के बाद जहां 1.14 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के मन में सैलरी, पेंशन, महंगाई भत्ता वगैरह को लेकर सवाल हैं, वहीं दूसरी ओर तरह-तरह के मैसेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. ऐसा ही एक मैसेज इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने वित्त अधिनियम 2025 (Finance Act 2025) के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों यानी पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी और वेतन आयोग (Pay Commission) के लाभों को बंद कर दिया है. व्हाट्सऐप पर ये मैसेज एक डॉक्युमेंट के साथ तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज ने लाखों पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों के बीच भ्रम और चिंता पैदा कर दी है.
क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई?
सोशल मीडिया पर जो मैसेज वायरल हो रहा है, उस पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है. केंद्र सरकार की सूचना एजेंसी PIB यानी प्रेस सूचना ब्यूरो ने इस वायरल दावे की जांच की है और इसे पूरी तरह से फर्जी करार दिया है. PIB फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी या वेतन आयोग के लाभों को बंद करने जैसा कोई फैसला नहीं लिया है.
CCS पेंशन नियमों में बदलाव तो हुआ है, लेकिन...
PIB ने आगे बताया है कि CCS (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 37 में संशोधन किया गया है, लेकिन यह संशोधन सिर्फ एक विशेष स्थिति से संबंधित है. संशोधित नियम में कहा गया है कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) में नियुक्त (Absorbed) किसी सरकारी कर्मचारी को दुराचार (Misconduct) के लिए सेवा से बर्खास्त किया जाता है, तो उसके सेवानिवृत्ति लाभ (Retirement Benefits) जब्त कर लिए जाएंगे.'
कैसे कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ?
सप्ष्ट तौर पर बताया गया है कि सरकारी कंपनियों के वे कर्मचारी, जिन्हें किसी मिसकंडक्ट यानी भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता या अन्य कारणों से नौकरी से बर्खास्त किया गया हो, केवल उन्हें ही रिटायरमेंट बेनिफिट्स नहीं मिलेंगे. यानी ये संशोधन मुख्य रूप से सरकारी विभागों से PSU में ट्रांसफर हुए कर्मचारियों के दुराचार से संबंधित है, न कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के DA या पेंशन लाभों को रोकने से.
ऐसे संदेशों से सरकारी कर्मी न घबराएं
ये स्पष्ट है कि पेंशनर्स को उनके DA या वेतन आयोग के लाभों से वंचित करने का दावा निराधार है. केंद्र सरकार की ओर से ऐसे कोई भी नियम लागू नहीं किए गए हैं. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सलाह दी गई है कि वे व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक और असत्यापित सूचनाओं पर भरोसा न करें और किसी भी जानकारी की पुष्टि के लिए केवल आधिकारिक सरकारी स्रोतों पर ही निर्भर रहें.














