Zara Hatke | रविवार जुलाई 21, 2013 09:51 AM IST एनसीएफएमआर के सह-निदेशक डॉ सुसान ब्राउन ने कहा, "शादी अब अनिवार्य नहीं रही।" उन्होंने कहा, "यह महज प्रदर्शन का विकल्प हो कर रह गया है। कई जोड़े सहवास चुन रहे हैं और कई लोग एकल जीवन बिताना पसंद कर रहे हैं।"