World | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार अक्टूबर 31, 2018 05:26 PM IST पीठ ने इस नतीजे पर पहुंचने के करीब तीन सप्ताह बाद इस संबंध में फैसला सुनाया. फैसला आने में हो रही देरी को देखते हुए ईशनिंदा विरोधी प्रचारकों ने प्रदर्शन की धमकी दी थी. निसार ने फैसले में कहा कि उनकी दोषसिद्धि को निरस्त किया जाता है और अगर अन्य आरोपों के तहत जरूरी नहीं हो, तो उन्हें फौरन रिहा किया जाए. हिंसा की आशंका को देखते हुए इस्लामाबाद में सुनवाई के दौरान कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये थे.