आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने से कई नौकरियों पर असर पड़ा. इस बात को AI समझने वालो लोग वाकिफ हैं. लेकिन अब इसी बार को मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक और 'AI के गॉडफादर' कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन दोहरा रहे हैं. उनके मुताबिक, साल 2026 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई सेक्टर में इंसानों की जगह ले सकता है. उनका मानना है कि AI इतनी तेजी से स्मार्ट हो रहा है कि वह न सिर्फ लाखों नौकरियां खत्म कर देगा, बल्कि इंसानों की महीनों की मेहनत को कुछ ही समय में पूरा करने लगेगा.
AI की रफ्तार
जेफ्री हिंटन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि AI के विकास की गति ने उन्हें खुद हैरान कर दिया है. उन्होंने कहा कि AI पहले से ही बेहद ताकतवर बन चुका है और आगे यह और बेहतर होता जाएगा. हिंटन के मुताबिक कॉल सेंटर जैसी नौकरियों में AI पहले ही इंसानों की जगह ले रहा है, लेकिन आने वाले समय में यह दायरा बहुत बड़ा होने वाला है. सिर्फ व्हाइट कॉलर ही नहीं, बल्कि ब्लू कॉलर नौकरियां भी AI के प्रभावित होंगी.
AI सबसे तेजी से...
जेफ्री हिंटन के अनुसार, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और कोडिंग क्षेत्र में AI सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है. AI की कोड लिखने की क्षमता हर कुछ महीनों में दोगुनी हो रही है. पहले जहां AI सिर्फ कुछ मिनटों का कोड लिख पाता था, अब वह घंटों के प्रोजेक्ट संभालने लगा है. हिंटन का मानना है कि आने वाले कुछ सालों में AI ऐसे सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट भी मैनेज कर सकेगा, जिनमें आज इंसानों को महीनों लग जाते हैं. इसका सीधा असर यह होगा कि कंपनियों को बहुत कम इंसानी इंजीनियरों की जरूरत पड़ेगी.
जेफ्री हिंटन ने सिर्फ नौकरियों तक ही चिंता सीमित नहीं रखी, बल्कि AI के व्यवहार को लेकर भी गहरी चिंता जताई है. उनका कहना है कि AI अब सिर्फ समस्याएं हल करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह इंसानी व्यवहार को समझने और प्रभावित करने में भी सक्षम होता जा रहा है. उन्होंने साफ कहा कि अब वह पहले से ज्यादा चिंतित हैं, क्योंकि AI इंसानों को गुमराह भी कर सकता है, जो भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा है.














