मेजबान ब्राजील को फीफा विश्व कप-2014 के सेमीफाइनल मुकाबले में 7-1 से रौंदकर फाइनल में पहुंचने वाली जर्मनी के सामने चौथी बार चैम्पियन बनने के लिए अर्जेंटीना के रूप में आखिरी चुनौती है।
जर्मनी के फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही मौजूदा विश्व कप में टीम के लिए सर्वाधिक पांच गोल दागने वाले स्टार स्ट्राइकर थॉमस मूलर के पास लगातार दूसरी बार गोल्डन बूट हासिल करने का इतिहास रचने का अनूठा मौका है। उल्लेखनीय है कि अब तक यह उपलब्धि किसी खिलाड़ी ने हासिल नहीं की है।
मूलर दक्षिण अफ्रीका में हुए पिछले फीफा विश्व कप-2010 में पांच गोल कर गोल्डन बूट विजेता रहे थे। स्पेन के डेविड विला और नीदरलैंड्स के वेस्ले श्नाइडर ने भी पांच गोल किए थे, लेकिन इतना ही गोल करने के लिए मैदान पर कम समय बिताने के कारण मूलर को गोल्डन बूट मिला था।
मूलर फीफा विश्व कप-2010 में सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी भी चुने गए थे। मूलर यदि इस बार गोल्डन बूट जीतने में सफल हो जाते हैं तो ऐसा पहली बार होगा कि इस पुरस्कार पर किसी एक देश का लगातार तीसरे वर्ष कब्जा बना रहेगा। फीफा विश्व कप-2006 में जर्मनी के ही मिरास्लोव क्लोस ने गोल्डन बूट हासिल किया था।
मूलर मौजूदा विश्व कप में गोल्डन बूट की दौड़ में हालांकि अभी कोलंबिया के स्ट्राइकर जेम्स रॉड्रिगेज से एक गोल से पिछड़ रहे हैं। रॉड्रिगेज छह गोल के साथ अभी भी गोल्डन बूट के प्रबल दावेदार बने हुए हैं।
मूलर को हालांकि गोल्डन बूट हासिल करने के लिए फाइनल मैच में कम से कम दो गोल दागने होंगे। यदि वह एक गोल ही कर पाते हैं तो अधिक देर तक मैदान पर बिताने की वजह से उन्हें गोल्डन बूट नहीं दिया जा सकता।
मौजूदा विश्व कप में चार गोल कर गोल्डन बूट की दौड़ में तीसरे स्थान पर मौजूद अर्जेंटीनी कप्तान लियोनेल मेसी के लिए हालांकि अब इस लक्ष्य का हासिल करना काफी मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि उन्हें गोल्डन बूट हासिल करने के लिए फाइनल मैच में तीन गोल करने होंगे।
फीफा वर्ल्डकप : थॉमस मूलर के पास इतिहास रचने का मौका
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