सुशील कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पहलवान सुशील का कहना है कि हर भार-वर्ग में फेडरेशन ने ट्रायल्स लिए हैं तो फिर 74 किलोग्राम वर्ग में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा? सुशील के मुताबिक फेडरेशन ने उनसे ट्रायल का वादा किया था, लेकिन अब हर कोई उनसे मुंह मोड़ रहा है। सुशील और नरसिंह के मुद्दे पर चल रहे विवाद पर सुशील ने एनडीटीवी से बातचीत में यह बात कही।
सुशील ट्रायल्स कराने को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। NDTV से उन्होंने कहा कि एक पहलवान की जगह अखाड़े में होती है न कि अदालत में। मैं जब अदालत गया तो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। सिर्फ 74 किलोग्राम की कैटेगरी में ट्रायल्स नहीं हुए हैं, बाकी हर वर्ग में कुश्ती संघ ने ट्रायल्स करवाए हैं।
उन्होंने कहा कि जब मेरी संघ से बात हुई थी तो उन्होंने मुझसे वादा किया था कि वे मेरे भी ट्रायल्स कराएंगे। मैं पुरानी कामयाबियों को लेकर नहीं बल्कि मौजूदा फ़ॉर्म और फिटनेस को देखकर ट्रायल्स की मांग कर रहा हूं। सुशील ने कहा कि कुश्ती के मुख्य देश अपने पहलवानों को ट्रायल्स के बाद ही ओलिंपिक में भेजते हैं लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो रहा इसीलिए हम पिछड़ रहे हैं। मेरा काम सिर्फ मेहनत करना है और मुझे अभी भी उम्मीद है।
सुशील ट्रायल्स कराने को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। NDTV से उन्होंने कहा कि एक पहलवान की जगह अखाड़े में होती है न कि अदालत में। मैं जब अदालत गया तो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। सिर्फ 74 किलोग्राम की कैटेगरी में ट्रायल्स नहीं हुए हैं, बाकी हर वर्ग में कुश्ती संघ ने ट्रायल्स करवाए हैं।
उन्होंने कहा कि जब मेरी संघ से बात हुई थी तो उन्होंने मुझसे वादा किया था कि वे मेरे भी ट्रायल्स कराएंगे। मैं पुरानी कामयाबियों को लेकर नहीं बल्कि मौजूदा फ़ॉर्म और फिटनेस को देखकर ट्रायल्स की मांग कर रहा हूं। सुशील ने कहा कि कुश्ती के मुख्य देश अपने पहलवानों को ट्रायल्स के बाद ही ओलिंपिक में भेजते हैं लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो रहा इसीलिए हम पिछड़ रहे हैं। मेरा काम सिर्फ मेहनत करना है और मुझे अभी भी उम्मीद है।
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