मारिया शारापोवा आगामी फ्रेंच ओपन में हिस्सा नहीं ले पाएंगी
रूस की टेनिस सनसनी मारिया शारापोवा आगामी फ्रेंच ओपन में हिस्सा नहीं ले पाएंगी. शारापोवा को रोलां-गेर्रोस में वाइल्ड कार्ड एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है जिसके चलते वे साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम में नहीं खेल पायेंगी. पेरिस में टूर्नामेंट के आयोजकों ने उन्हें वाइल्ड कार्ड इंट्री देने से इन्कार कर दिया. डोपिंग के चलते 15 माह का प्रतिबंध झेलने वाली शारापोवा ने हाल ही में कोर्ट पर वापसी करते हुए तीन टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया है. पांच बार की ग्रैंड स्लैम विजेता शारापोवा की रैंकिंग कम है जिसके चलते वह सीधे प्रवेश नहीं कर सकती थीं. उनकी उम्मीदें वाइल्डकार्ड से प्रवेश पाने की थीं जो अब ध्वस्त हो चुकी हैं.
फ्रांस के टेनिस प्रमुख बर्नार्ड गुइडिचिली ने कहा, 'चोट के बाद वापसी करने वाले खिलाड़ियों को वाइल्डकार्ड दिया जाता है न की डोपिंग के बाद कोर्ट पर वापस आने वालों को. शारापोवा और उनके प्रशंसकों को निराश करने के लिए मुझे खेद है. हालांकि इस फैसले से वे काफी निराश होंगी, लेकिन यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं खेल के उच्च मानकों को बनाए रखूँ.'
30 वर्षीय शारापोवा पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दौरान 'मेलडोनियम' नामक प्रतिबंधित पदार्थ लेने की दोषी पाई गयी थीं जिसके चलते उन्हें 15 महीने के लिए खेल से निलंबित कर दिया गया था. हालाँकि कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने उनको 'इच्छानुरूप डोपर' ना मानते हुए उनकी सज़ा कम कर दी और वे पिछले महीने टेनिस कोर्ट पर वापसी करने में कामयाब रहीं. उनकी वापसी पर ज़्यादातर खिलाडियों ने आपत्ति जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय टेनिस संघ की जमकर आलोचना करी थी. शारापोवा 2012 और 2014 में फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत चुकी हैं. फ्रेंच ओपन से निराशा हाथ लगने के बाद अब देखना दिलचस्प होगा की क्या शारापोवा साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन में खेल पाएंगी या नहीं.
फ्रांस के टेनिस प्रमुख बर्नार्ड गुइडिचिली ने कहा, 'चोट के बाद वापसी करने वाले खिलाड़ियों को वाइल्डकार्ड दिया जाता है न की डोपिंग के बाद कोर्ट पर वापस आने वालों को. शारापोवा और उनके प्रशंसकों को निराश करने के लिए मुझे खेद है. हालांकि इस फैसले से वे काफी निराश होंगी, लेकिन यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं खेल के उच्च मानकों को बनाए रखूँ.'
30 वर्षीय शारापोवा पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दौरान 'मेलडोनियम' नामक प्रतिबंधित पदार्थ लेने की दोषी पाई गयी थीं जिसके चलते उन्हें 15 महीने के लिए खेल से निलंबित कर दिया गया था. हालाँकि कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने उनको 'इच्छानुरूप डोपर' ना मानते हुए उनकी सज़ा कम कर दी और वे पिछले महीने टेनिस कोर्ट पर वापसी करने में कामयाब रहीं. उनकी वापसी पर ज़्यादातर खिलाडियों ने आपत्ति जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय टेनिस संघ की जमकर आलोचना करी थी. शारापोवा 2012 और 2014 में फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत चुकी हैं. फ्रेंच ओपन से निराशा हाथ लगने के बाद अब देखना दिलचस्प होगा की क्या शारापोवा साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन में खेल पाएंगी या नहीं.
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