साक्षी मलिक का फाइल फोटो
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- कहा-साक्षी का मैच टीवी पर देखा था
- मैच देखकर दिल खुश हो गया
- फाइनल में वैसा ही कुछ करने की उम्मीद
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रियो डि जिनेरियो:
भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में पहली बार फाइनल में कदम रखने वाली पीवी सिंधु बताती हैं कि उन्होंने 58 किग्रा फीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक के लिए खेला गया साक्षी मलिक का मैच टीवी पर देखा था. वो कहती है कि उस मैच के दौरान साक्षी ने जिस तरह से बाजी पलटते हुए वापसी करते हुए जीत हासिल की, उसने भारतीय फैंस की तरह उनका दिल भी खुश कर दिया.
वो कहती हैं कि साक्षी की जीत से पदक तालिका में भारत का खाता खुला. इससे पूरे भारतीय कैंप में राहत और खुशी फैल गई. साक्षी की जीत ने सिंधु में एक और जोश भर दिया है.
हालांकि उनके कोच गोपीचंद कहते हैं कि वो इतने बड़े लक्ष्य के साथ रियो ओलिंपिक में नहीं आए थे. उनका इरादा था कि सिंधु और श्रीकांत मैच दर मैच अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और इसके जरिये जितनी बड़ी कामयाबी हासिल हो सके, उसे हासिल करें. सिंधु ने पिछले मैचों में चीन की वांग यिहान, चाइनीज ताइपेइ की अपने से बेहतर रैंकिंग की प्लेयर्स को परास्त किया. इसलिए फाइनल में भी स्पेन की दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी कैरोलिना मारिन के खिलाफ मुकाबले में सिंधु से उम्मीदें बढ़ गई हैं.
गोपीचंद कहते हैं कि सिंधु ने जिन खिलाडि़यों को परास्त किया है उन सभी के स्टाइल अलग हैं. इससे सिंधु के खेल की विविधता समझी जा सकती है. सिंधु कहती हैं कि उनका निशाना गोल्ड से कम कुछ और नहीं हैं और भरोसा दिलाती हैं कि वह फाइनल में भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी. उम्मीद कर सकते हैं कि सवा सौ करोड़ भारतीयों की दुआएं भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखने में मददगार साबित होंगी.
वो कहती हैं कि साक्षी की जीत से पदक तालिका में भारत का खाता खुला. इससे पूरे भारतीय कैंप में राहत और खुशी फैल गई. साक्षी की जीत ने सिंधु में एक और जोश भर दिया है.
हालांकि उनके कोच गोपीचंद कहते हैं कि वो इतने बड़े लक्ष्य के साथ रियो ओलिंपिक में नहीं आए थे. उनका इरादा था कि सिंधु और श्रीकांत मैच दर मैच अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और इसके जरिये जितनी बड़ी कामयाबी हासिल हो सके, उसे हासिल करें. सिंधु ने पिछले मैचों में चीन की वांग यिहान, चाइनीज ताइपेइ की अपने से बेहतर रैंकिंग की प्लेयर्स को परास्त किया. इसलिए फाइनल में भी स्पेन की दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी कैरोलिना मारिन के खिलाफ मुकाबले में सिंधु से उम्मीदें बढ़ गई हैं.
गोपीचंद कहते हैं कि सिंधु ने जिन खिलाडि़यों को परास्त किया है उन सभी के स्टाइल अलग हैं. इससे सिंधु के खेल की विविधता समझी जा सकती है. सिंधु कहती हैं कि उनका निशाना गोल्ड से कम कुछ और नहीं हैं और भरोसा दिलाती हैं कि वह फाइनल में भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी. उम्मीद कर सकते हैं कि सवा सौ करोड़ भारतीयों की दुआएं भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखने में मददगार साबित होंगी.
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