मैरीकॉम ने 51 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
गुवाहाटी और शिलांग में चल रहे 12वें दक्षिण एशियाई खेल (SAG) में शूटिंग, तीरंदाज़ी, कबड्डी की तरह बॉक्सिंग में भी भारतीय खिलाड़ी ''क्लीन स्वीप'' करने में कामयाब रहे। भारतीय पुरुष मुक्केबाज़ों की तरह महिला मुक्केबाज़ों ने भी प्रतियोगिता के सभी स्वर्ण पदक जीत लिए। एक दिन पहले पुरुष मुक्केबाज़ों ने 7 स्वर्ण पदक जीते तो एमएसी मैरीकॉम, सरिता देवी और पूजा रानी ने स्वर्ण पदक जीतकर 10 में से 10 स्वर्ण पदक भारत के नाम कर दिए। वैसे, इनमें से किसी मुक्केबाज़ को अब तक रियो का टिकट हासिल नहीं हुआ है।
मैरीकॉम ने 90 सेकेंड से कम समय में जीता स्वर्ण
ओलिंपिक पदक विजेता मैरीकॉम (51 किलोग्राम) ने श्रीलंका की अनुशा के दिलरुक्शी से टेक्निकल नॉकआउट के ज़रिये 90 सेकेंड से कम वक्त में मुक़ाबला जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इंचियन एशियाई कांस्य पदक जीतने और विवादों के बाद वापसी कर रहीं सरिता देवी को श्रीलंका की एम. विदुषिका प्रबाधि के ख़िलाफ़ चुनौती का सामना करना पड़ा. सरिता ने अपना मैच 39-36 के स्कोर से जीता
पूजा ने श्रीलंकाई बॉक्सर को हराया
इंचियन एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता पूजा रानी देवी ने श्रीलंका की ही निलाथि अंदरावीर को 75 किलोग्राम वर्ग में हराकर दसवां स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। पूजा ने भी अपना मुक़ाबला मैरीकॉम की तरह ही टेक्निकल नॉकआउट के ज़रिये जीता। दक्षिण एशियाई खेलों में भले ही भारत को सौ फ़ीसदी अंक हासिल हुए हों, लेकिन इन मुक्केबाज़ों के लिए क़रीब छह महीने बाद होने वाले रियो ओलिंपिक्स में जगह बनाना बड़ी चुनौती बनी हुई है।
मैरीकॉम ने 90 सेकेंड से कम समय में जीता स्वर्ण
ओलिंपिक पदक विजेता मैरीकॉम (51 किलोग्राम) ने श्रीलंका की अनुशा के दिलरुक्शी से टेक्निकल नॉकआउट के ज़रिये 90 सेकेंड से कम वक्त में मुक़ाबला जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इंचियन एशियाई कांस्य पदक जीतने और विवादों के बाद वापसी कर रहीं सरिता देवी को श्रीलंका की एम. विदुषिका प्रबाधि के ख़िलाफ़ चुनौती का सामना करना पड़ा. सरिता ने अपना मैच 39-36 के स्कोर से जीता
पूजा ने श्रीलंकाई बॉक्सर को हराया
इंचियन एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता पूजा रानी देवी ने श्रीलंका की ही निलाथि अंदरावीर को 75 किलोग्राम वर्ग में हराकर दसवां स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। पूजा ने भी अपना मुक़ाबला मैरीकॉम की तरह ही टेक्निकल नॉकआउट के ज़रिये जीता। दक्षिण एशियाई खेलों में भले ही भारत को सौ फ़ीसदी अंक हासिल हुए हों, लेकिन इन मुक्केबाज़ों के लिए क़रीब छह महीने बाद होने वाले रियो ओलिंपिक्स में जगह बनाना बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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