केरल में बाढ़ से लगभग 20 हजार करोड़ की क्षति हुई है.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
- केरल में भीषण बाढ़ के बाद महामारी का खतरा पैदा हो गया है
- बाढ़ से प्रभावित जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी फैल रही है
- 1 अगस्त से अब तक इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो चुकी है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
केरल में बाढ़ राहत के नाम पर सियासी खींचतान... केरल में बाढ़ का पानी घटा, राहत एवं बचाव में जुटी एजेंसियों के सामने महामारी रोकने की चुनौतीकेरल के बाद अब उत्तर प्रदेश में भारी बारिश ने मचाई तबाही, अब तक 254 की मौत, 10 बड़ी बातें
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज ( Leptospirosis Treatment In Hindi)
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस ( What is Leptospirosis)
लेप्टोस्पायरोसिस ( Leptospirosis Diseases) एक जीवाणु रोग है, जो मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित करता है. यह लेप्टोस्पिरा जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है. यह संक्रमित जानवरों के मूत्र के जरिये फैलता है, जो पानी या मिट्टी में रहते हुए कई सप्ताह से लेकर महीनों तक जीवित रह सकते हैं.
क्या हैं वजहें ( Leptospirosis Diseases Causes)
- ज्यादा बारिश और उसके नतीजतन बाढ़ से चूहों की संख्या बढ़ जाने के चलते जीवाणुओं का फैलाव आसान हो जाता है.
- संक्रमित चूहों के मूत्र में बड़ी मात्रा में लेप्टोस्पायर्स होते हैं, जो बाढ़ के पानी में मिल जाते हैं. जीवाणु त्वचा या (आंखों, नाक या मुंह की झल्ली) के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, खासकर यदि त्वचा में कट लगा हो तो.
- दूषित पानी पीने से भी संक्रमण हो सकता है. उपचार के बिना, लेप्टोस्पायरोसिस गुर्दे की क्षति, मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर सूजन), लीवर की विफलता, सांस लेने में परेशानी और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है.
- लेप्टोस्पायरोसिस के कुछ लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, पीलिया, लाल आंखें, पेट दर्द, दस्त आदि शामिल हैं. किसी व्यक्ति के दूषित स्रोत के संपर्क में आने और बीमार होने के बीच का समय दो दिन से चार सप्ताह तक का हो सकता है.
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज ( Leptospirosis Treatment In Hindi)
Featured Video Of The Day
Kanwar Yatra पर सियासत गर्म, नियम न मानने वाले पर जुर्माना, CM Yogi ने दिए सख्त निर्देश | 2 दूनी 4