तेलंगाना राज्य के हैदराबाद के सिकंदराबाद के एक फर्टिलिटी क्लिनिक में अवैध सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में पुलिस ने यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की मैनेजर डॉ. नम्रता समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की यह कार्रवाई एक दंपती की शिकायत के बाद की गई, जिन्होंने डीएनए जांच में पाया कि सरोगेसी से जन्मा बच्चा उनसे जेनेटिक रूप से जुड़ा नहीं है.
डीएनए टेस्टिंग ने खोल दी पोल
हैदराबाद नॉर्थ ज़ोन की डीसीपी रश्मि पेरुमल के अनुसार, यह रैकेट गरीब लोगों को लालच देकर सरोगेट बनवाने और प्रजनन सामग्री की अवैध अंतरराज्यीय तस्करी में शामिल था. राजस्थान से आए एक दंपती ने 3 साल पहले 30 लाख रुपये देकर सरोगेसी प्रक्रिया करवाई थी, लेकिन बच्चा होने के बाद डीएनए जांच की मांग पर डॉक्टर टालमटोल करते रही. जब दिल्ली में कराई गई स्वतंत्र डीएनए जांच में सच्चाई सामने आई, तो डॉक्टर नम्रता ने "गलती" स्वीकार की और समय मांगा, लेकिन फिर वो फरार हो गईं.
पुलिस ने देर रात क्लिनिक पर छापा
इसके बाद पुलिस ने देर रात क्लिनिक पर छापा मारा और कई दस्तावेज़ व स्पर्म सैंपल जब्त किए. इस मामले की जांच में सामने आया कि यह क्लिनिक गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में स्पर्म और एग्स की अवैध सप्लाई भी कर रहा था. असल में यह एक बिना लाइसेंस वाली कंपनी 'इंडियन स्पर्म टेक' के साथ मिलकर काम कर रहा था. पुलिस ने इस कंपनी के रीजनल मैनेजर पंकज सोनी समेत सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने में जुटी पुलिस
डॉ. नम्रता पर ये भी आरोप है कि उन्होंने एक महिला को हैदराबाद से विशाखापत्तनम फ्लाइट से भेजा और दंपती को यकीन दिलाया कि उसी महिला से उनका बच्चा हुआ है. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और आशंका है कि इसमें और भी फर्टिलिटी क्लिनिक और एजेंट शामिल हो सकते हैं.