देश में किसानों को सबसे अधिक मुआवजा देने वाला राज्य बना पंजाब

पंजाब में विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 के पार जा चुकी है. वहीं पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि 22 जिलों के 2,097 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और 1.91 लाख हेक्टेयर भूमि पर फैली फसलों को नुकसान हुआ है.

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  • पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20000 का मुआवजा देने का ऐलान किया
  • हरियाणा, गुजरात, एमपी, यूपी और राजस्थान की तुलना में पंजाब के किसानों को अधिक मुआवजा
  • बाढ़ में मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और रेत बेचने की अनुमति
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चंडीगढ़:

पंजाब में बाढ़ ने किसानों की मेहनत और ख्वाबों को डुबो दिया, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को अकेला नहीं छोड़ा. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि हर प्रभावित किसान को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाएगा. यह सिर्फ़ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा मुआवज़ा है. मान सरकार ने यह कदम सिर्फ़ काग़ज़ों पर नहीं बल्कि किसानों के दर्द को महसूस करते हुए उठाया है.

पंजाब के किसानों को सबसे ज्यादा मुआवजा

जब हरियाणा में किसानों को अधिकतम ₹15,000 प्रति एकड़, गुजरात में करीब ₹8,900 प्रति एकड़, मध्य प्रदेश में करीब ₹12,950 प्रति एकड़, और उत्तर प्रदेश व राजस्थान में अधिकतर ₹5,000- ₹7,000 प्रति एकड़ तक राहत मिलती है, वहीं पंजाब के किसानों को सीधा ₹20,000 प्रति एकड़ देने का फैसला किसानों की ताक़त और मेहनत को सलाम करने जैसा है. इतना ही नहीं, मान सरकार ने बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹4 लाख की सहायता और खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति भी दी है, ताकि किसानों को तुरंत नक़दी मिले और अगली बुवाई का रास्ता आसान हो सके.

मुश्किल घड़ी में किसानों को पंजाब सरकार का साथ

सरकार का यह कदम साफ़ दिखाता है कि सरकार किसानों की मुश्किलें समझती है और उन्हें हर मुमकिन राहत पहुंचाना चाहती है. आज जब पंजाब का किसान बाढ़ से तबाह खेतों और टूटे हुए घरों के बीच संघर्ष कर रहा है, तब सरकार का यह फैसला उनके लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है. मान सरकार ने साफ़ कर दिया है कि किसान अगर डूबे तो पूरी अर्थव्यवस्था डूबेगी, इसलिए सबसे पहले किसान को संभालना ज़रूरी है. यही वजह है कि राहत की राशि को देशभर में सबसे ऊपर रखकर पंजाब को मिसाल बनाया गया है.

यह सिर्फ मुआवजा नहीं बल्कि भरोसे...

यह मुआवज़ा सिर्फ़ पैसों की मदद नहीं, बल्कि किसानों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास है कि सरकार उनकी पीड़ा को अपनी पीड़ा मानती है. संकट की इस घड़ी में यह संदेश पूरे पंजाब में गूंज रहा है कि यह सरकार किसानों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगी. मान सरकार ने राहत की राशि को सबसे ऊपर रखकर साबित कर दिया है कि किसान सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि पंजाब की असली ताक़त हैं. यह फैसला किसानों को संघर्ष से सहारा और भविष्य के लिए विश्वास देता है. किसान की जीत ही पंजाब की जीत है, और मान सरकार हर हाल में किसानों के साथ खड़ी है.

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