- फिरोजपुर में एक व्यक्ति ने अपनी बेटी को नहर में धक्का देकर हत्या की कोशिश की, उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
- हालांकि आरोपी की नाबालिग बेटी लौट आई है और उसने पुलिस से अपील की है उसके पिता को रिहा किया जाए.
- लड़की ने पुलिस से सुरक्षा मांगी और कहा कि वह रिश्तेदारों पर भरोसा नहीं करती है और जीना चाहती है
फिरोजपुर में एक शख्स ने 30 सितंबर को अपनी बेटी के हाथ-पैर बांधकर नहर में धक्का दे दिया था. इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अब 68 दिन बाद बेटी पिता की रिहाई के लिए सामने आई है और उसने कहा है कि मैं जिंदा हूं. उसने वीडियो में पुलिस से अपील की है कि वह जिंदा है और उसकी हत्या के मामले में जेल में बंद पिता को रिहा कर दिया जाए. साथ ही उसने बताया है कि वह पानी में धकेले जाने के बाद आखिरकार कैसे जिंदा बच निकली.
नाबालिग लड़की ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले उसके पिता सुरजीत सिंह ने उसे नहर में धक्का दे दिया और वह डूब गई. अचानक उसके हाथ खुल गए और वह पानी के ऊपर आ गई, तभी एक लोहे नुमा चीज का उसे सहारा मिल गया. उसके पकड़कर वह जैसे तैसे नहर के किनारे पहुंची और घास को पकड़कर बाहर निकली. इसी दौरान दो युवक और एक महिला ने उसे लिफ्ट दी.
पिता को बरी करने की मांग, मां पर लगाए आरोप
हालांकि नाबालिग लड़की ने यह नहीं बताया कि वह इतने दिन कहां थी, उसने सिर्फ इतना कहा कि बीमार थी और उसका इलाज चल रहा था. साथ ही उसने कहा कि वह चाहती है उसके पिता को रिहा कर दिया जाए ताकि उसकी तीन छोटी बहनों की परवरिश ढंग से हो सके.
उसने कहा कि मां के कहने पर ही पिता ने मेरे हाथ पैर बांधकर नहर में धक्का दिया था, जितना पिता कसूरवार हैं उतनी ही उसकी मां भी कसूरवार है. हालांकि वह चाहती है कि उसकी हत्या के आरोपों से उन्हें बरी कर दिया जाए.
रिश्तेदार पर भरोसा नहीं, पुलिस से मांगी सुरक्षा
साथ ही लड़की ने पुलिस से सुरक्षा की भी मांग की है और कहा है कि उसे किसी रिश्तेदार पर भरोसा नहीं है. वह जीना चाहती है.
गौरतलब है कि नाबालिग लड़की के पिता ने वारदात का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला था. इसी के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और हत्या का मामला दर्ज कर पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि लड़की की डेड बॉडी भी बरामद नहीं हुई थी.
बयान के बाद आगे की कार्रवाई होगी: पुलिस
इस मामले में फिरोजपुर एसएसपी भूपिंदर सिंह ने कहा कि यह बहुत अच्छी खबर है कि बच्ची सही-सलामत मिल गई है. जब पिता ने उसे नहर में धक्का दिया था तो बहते समय उसका हाथ किनारे पर लग गया, जिससे वह बाहर निकल पाई. बाहर निकलने के बाद वहां कोई नहीं था. कुछ दूरी चलने के बाद उसने किसी से मदद ली. बच्ची नाबालिग है और उसके अनुसार वह अभी यह नहीं बताना चाहती कि वह दो महीने कहां छिपकर रही, क्योंकि वह उसके किसी रिश्तेदार या जान-पहचान से जुड़ा हो सकता है और उसे अपनी जान का खतरा भी हो सकता है.
उन्होंने बताया कि लड़की ने कहा कि वह पहले डरी हुई थी और सदमे में थी, सिर में लगी चोट की वजह से उसे कुछ बातें याद नहीं रहती थीं, इसी कारण वह सामने नहीं आई.
उन्होंने कहा कि पुलिस बच्ची का बयान अदालत में दर्ज करवा रही है. उसके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. पहले पिता ने खुद वीडियो बनाई थी और उसी आधार पर उसके खिलाफ 302 का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अब लड़की के जिंदा मिल जाने के बाद उसके बयानों के अनुसार सही धाराएं लगाई जाएंगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो बनाया और नहर में फेंक दिया
लड़की के पिता ने 30 सितंबर को एक वीडियो बनाया और अपनी बेटी को नहर में धक्का दे दिया था. वीडियो में लड़की की मां कहती नजर आ रही है कि यह क्यों किया, मुझे बता, बताती क्यों नहीं है. इस दौरान लड़की के पिता उसे एक ओर ले जाते हैं और कहते हैं कि नहीं इसे जाने दे. हालांकि मां उन्हें रुकने के लिए कहती है, लेकिन पिता ना कहते हैं और फिर अपनी बेटी को नहर में धक्का दे देते हैं. इसके बाद पानी में लड़की के कूदने की आवाज आती है और मां के रोने की आवाजें आने लगती है. इस दौरान पिता कहते हैं, 'मरने दे, बाय-बाय'.













