पुणे में एक बाइक चोरी मामले से आतंकवाद के जाल तक पहुंची ATS, कोंढवा में की छापेमारी

साल 2023 में कोथरूड में हुई बाइक चोरी की एक वारदात शुरू में एक साधारण अपराध लग रही थी लेकिन पुलिस को मिले तकनीकी सबूतों से पता चला कि उस चोरी में शामिल कुछ लोग कट्टरपंथी संगठन से जुड़े हैं.

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(फाइल फोटो)
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  • कोथरूड में हुई बाइक चोरी की जांच से पुणे में दहशतवादी संगठनों से जुड़े नेटवर्क का पता चला है
  • एटीएस और पुणे पुलिस ने कोंढवा, वानवड़ी, खडकी सहित 25 स्थानों पर छापेमारी कर 18 संदिग्धों से पूछताछ की है
  • 2023 की बाइक चोरी मामले में जुड़े संदिग्धों का दुबई से भी संपर्क पाया गया और एक डॉक्टर का नाम सामने आया
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पुणे:

कोथरूड में हुई एक मामूली सी बाइक चोरी की जांच ने ऐसा मोड़ लिया कि पूरा का पूरा पुणे शहर दंग रह गया. इस चोरी के धागे जब कोंढवा इलाके तक पहुंचे, तो एटीएस और पुणे पुलिस को दहशतवादी संगठनों से जुड़े एक नेटवर्क का पता लगा और उसी के बाद गुरुवार तड़के शुरू हुई महाराष्ट्र एटीएस की सबसे बड़ी छापेमारी, जिसने पूरे शहर को सन्न कर दिया.

25 सोसायटियों में तलाशी, 18 संदिग्धों से पूछताछ

एटीएस और पुणे पुलिस की संयुक्त टीम ने कोंढवा, वानवड़ी, खडकी और अन्य क्षेत्रों में लगभग 25 जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान कई ठिकानों से लैपटॉप, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और संवेदनशील दस्तावेज़ बरामद किए गए. 18 संदिग्धों से पूछताछ चल रही है, जबकि कुछ को आगे की जांच के लिए हिरासत में लिया गया है. इस पूरे अभियान में करीब 200 एटीएस अधिकारी और 500 पुलिसकर्मी शामिल थे.

2023 की बाइक चोरी केस से खुली बड़ी साजिश

साल 2023 में कोथरूड में हुई बाइक चोरी की एक वारदात शुरू में एक साधारण अपराध लग रही थी लेकिन पुलिस को मिले तकनीकी सबूतों से पता चला कि उस चोरी में शामिल कुछ लोग कट्टरपंथी संगठन से जुड़े हैं. जांच में यह भी सामने आया कि 17 आरोपियों में कुछ का सीधा दुबई से संपर्क था. इसी कड़ी में एक आरोपी डॉक्टर का नाम सामने आया, जो हडपसर के नोबेल हॉस्पिटल में काम करता था.

सूत्रों के अनुसार, इस डॉक्टर ने “ISIS मॉडल नेटवर्क” नामक एक संरचना तैयार की थी — जो आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग और आर्थिक लेनदेन का काम करती थी. केंद्रीय गुप्तचर एजेंसियां पिछले दो वर्षों से इस नेटवर्क पर नजर रखे हुए थीं, और अब जाकर उसने कोंढवा तक अपनी जड़ें फैला लीं.

कोंढवा — पुणे का नया ‘हॉट स्पॉट'

एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोंढवा इलाका बाहरी लोगों को आसानी से किराए पर घर उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है. यही वजह रही कि कई संदिग्धों ने इस क्षेत्र को “सुरक्षित ठिकाना” बना लिया. पुलिस को आशंका है कि यहां पिछले कुछ वर्षों से स्लीपर सेल्स के रूप में सक्रिय था और 2022–23 में कोंढवा से गिरफ्तार दो आतंकियों के बाद से ही यह इलाका एजेंसियों की नजर में था.

एटीएस को इसी इलाके की अशोका (गुरुपुरम) सोसायटी में कई अहम सुराग मिले हैं. यहीं से पहले भी संदिग्धों को पकड़ा गया था, और अब एक बार फिर वही सोसायटी जांच के केंद्र में है.

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पुलिस का संदेश और नागरिकों की अपील

पुणे पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें. वहीं, स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने कहा, “कोंढवा को बाहरी लोगों की वजह से बदनाम किया जा रहा है. हर व्यक्ति को किराए पर घर देने से पहले कागज़ात की पूरी जांच करनी चाहिए.”

कोंढवा और आसपास के क्षेत्रों में नाकाबंदी और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. एटीएस की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन प्राथमिक जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा है. सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी आज देर रात तक जारी रह सकती है.

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