Yearender 2018: अंतरिक्ष में चमका भारत, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का पाया गौरव, इन वज़हों से खास रहा ये साल
साल 2018 आखिरी दौर में है और 2019 दस्तक देने को तैयार है. 2018 कई मायनों में भारत के लिए कई उपलब्धियां लेकर आया. जहां कई क्षेत्रों में भारत की रैकिंग में सुधार हुआ तो वहीं हमने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर सबसे ऊंची प्रतिमा का गौरव भी हासिल किया. हमने अंतरिक्ष में खुद की ताकत को साबित किया तो वहीं ऐसी योजनाएं भी लॉन्च की जिसने लोगों को स्वस्थ्य रहने का मौका भी दिया. जानिए आखिर क्या है जिसे हमने 2018 में हासिल किया.
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भारत ने बिजनेस के क्षेत्र में खुद को साबित करते हुए 2018 में कई रैकिंग में सुधार किया. ये रैकिंग भारत की तरक्की की गवाह बनी जिस पर किसी भी भारतीय को गर्व हो सकता है. वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग रैकिंग में भारत ने लंबी छलांग लगाई और 100वें पायदान से 77 वें स्थान पर पहुंच गया. ईज ऑफ डूइंग इंडेक्स में भारत की रैकिंग में ये सुधार विदेशी निवेश के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. इसके अलावा भारत के पासपोर्ट की ताक़त भी इस साल बढ़ी.
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'हेनली एंड पार्टनर्स' की पासपोर्ट रैकिंग में भारत 81वें नंबर पर पहुंच गया. इस रैकिंग में जापान पहले नंबर पर है. हालांकि भारत की स्थिति भी काफी बेहतर हुई है. वहीं विश्व आर्थिक मंच वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने भारत को 2018 में 58वीं ऐसी अर्थव्यवस्था बताया जो सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी है. इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के मामले में भी भारत की रैकिंग मे अच्छा सुधार हुआ. इलेक्ट्रॉनिक पेमेन्ट के मामले में भारत अब 28वें नंबर पर आ गया है. ये सर्वे पेमेंट कंपनी वीजा की तरफ से किया गया था. इससे पहले 2011 के सर्वे में भारत को 36वीं रैकिंग हासिल हुई थी.
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केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं ने भी 2018 को बेहद खास बना दिया. इसमें सबसे उल्लेखनीय और बड़ी योजना रही आयुष्मान भारत. 25 सितंबर 2018 से शुरू हुई इस योजना का नाम प्रधानमंत्री जन औषधि योजना या आयुष्मान भारत योजना है. इसके तहत देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों के लगभग 50 करोड़ लोगों को सरकार हर साल 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है.
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इसके अलावा आम आदमी के लिए हवाई सफर को सुगम बनाने के लिए सरकार ने उड़ान योजना इसी साल शुरु की. केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य ये था की किफायती कीमत में देश का हर नागरिक हवाई सफर कर सके. इस योजना के अलावा केंद्र सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना को भी आगे ले जाने का काम शुरू किया. 8 मार्च 2018 को महिला दिवस के मौके पर राजस्थान से इसकी शुरुआत की गई. इसका मकसद 0-6 साल के बच्चों को उचित पोषण उपलब्ध कराना है. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना भी इस फेहरिस्त का हिस्सा रही. इसमें 2020 तक 20 मिलियन घर बनाने का टारगेट तय किया गया है.
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पीएम मोदी ने 2018 में देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर की ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. इस प्रतिमा के अनावरण के साथ ही भारत विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने वाला देश बन गया. देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा का नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दिया गया है. नर्मदा किनारे बनाई गई ये प्रतिमा 44 महीने के भीतर बनकर तैयार हुई है. इससे पहले सबसे ऊंची प्रतिमा का रिकॉर्ड चीन के नाम था. ये प्रतिमा चीन का स्प्रिंग टेंपल बुद्ध' (128 मीटर) से भी ऊंची है.
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साल 2018 इसरो के लिए बेहद खास रहा. इस साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसाध ने सात सफल लॉन्चिंग कीं. इसरो की अभी कुछ वक्त पहले की उपलब्धि संचार उपग्रह जीसैट-7ए को लॉन्च करने की है. इसके सफल प्रक्षेपण के भारत भारतीय वायुसेना की ताक़त में इज़ाफा होगा. इसके ज़रिए वायुसेना अपने सारे राडार को आपस में जोड़ सकेगा. इसके अलावा इसरो के जिस लॉन्च की सबसे ज़्यादा चर्चा हुई वो था 31 उपग्रह को एक साथ प्रक्षेपित करना. इन 31 उपग्रहों को पीएसएलवी सी-40 की मदद से प्रक्षेपित किया गया. ये भारत की सस्ती तक़नीक का ही जादू है कि विश्व के बड़े-बड़े देशों की अंतरिक्ष में निर्भरता भारत की तरफ बढ़ रही है. भारत की अगली कामयाबी नए साल में दर्ज हो सकती है. भारत चंद्रयान-2 को लॉन्च करने जा रहा है, जिसे 31 जनवरी 2019 को लांच किया जाना है.
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