Year Ender 2018: वो दिग्गज राजनेता जो इस साल दुनिया को कह गए अलविदा
साल 2018 कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा, राजनीतिक क्षेत्र के लिए ये साल ग़म के आंसू छोड़ गया. कई ऐसी राजनीतिक शख्सियतें रहीं जिन्होंने इस साल आखिरी सांस ली, इन शख्सियतों में वो नाम भी शामिल है, जिसके जाने से पूरा देश रो पड़ा.
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भारतीय राजनीति में अजातशत्रु, भीष्म पितामह, शिखर पुरुष जैसे शब्दों से पुकारे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी देश के 10 वें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने देश की बागडोर तीन बार संभाली. पहली बार वो 16 मई(1996) से 1 जून तक, 19 मार्च(1998) से 26 अप्रैल (1999) तक, फिर 13 अक्टूबर (1999) से 22 मई (2004) तक प्रधानमंत्री रहे. 16 अगस्त को उन्होंने अंतिम सांस ली.
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वह दो महीने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे. वाजपेयी को किडनी की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. मधुमेह पीड़ित 93 वर्षीय भाजपा नेता की एक ही किडनी काम करती थी. अपने पूरे राजनीतिक जीवन के दौरान वह 10 बार लोकसभा सदस्य चुने गए और दो बार राज्यसभा के सदस्य बने.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का 59 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और उन्होंने बेंगलुरु में 12 नवंबर 2018 को आखिरी सांस ली. भाजपा नेता अनंत कुमार साल 1996 से दक्षिणी बेंगलुरु का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते थे. उनके पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे और वह मोदी सरकार के कद्दावर नेताओं में से एक थे. गौरतलब है कि अनंत कुमार लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था.
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द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम करुणानिधि का 7 अगस्त को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया. 94 94 वर्ष की उम्र में दुनिया से विदा लेने वाले करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें तबीयत बिगड़ने के बाद 28 जुलाई को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करुणानिधि के समर्थक काफी तादात में अस्पताल के बाहर जुटे हुए थे और उनके निधन की खबर सुनते ही समर्थक शोक में डूब गए थे.
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का 27 अक्टूबर को 2018 लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. वो 82 साल के थे. पूर्व भाजपा नेता मदन लाल खुराना सीने में संक्रमण और बुखार से जूझ रहे थे. खुराना राजस्थान के राज्यपाल भी रहे. बीजेपी नेता 4 बार विधायक रहे और 1993 से 1996 के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. वह 2004 में राजस्थान के राज्यपाल भी बने. मदनलाल खुराना ने 2003 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद दिल्ली बीजेपी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था.
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छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का 14 अगस्त 2018 को निधन हो गया. वह 90 साल के थे. टंडन को बेचैनी होने के बाद डॉ. बी आर अम्बेडकर स्मारक अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनका कुछ समय बाद निधन हो गया. टंडन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और जुलाई, 2014 में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बने.
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लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का 13 अगस्त 2018 को कोलकाता एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. चटर्जी 89 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी तथा दो बेटियां हैं. चटर्जी को ‘दिल का हल्का दौरा' पड़ा था जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और उनका निधन हो गया. चटर्जी को किडनी से संबंधित बीमारी थी.
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