कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु

कुंभ मेले के दौरान सबसे ज्‍यादा आकर्षण का केंद्र नागा साधु होते हैं. लम्‍बे बाल, रूद्राक्ष की लंबी-लंबी मालाएं, शरीर पर भभूत वाले ये नागा साधु घने जंगल के रास्ते से यात्रा करते हैं. माना जाता है कि ये देर रात में अपनी यात्रा शुरू करते हैं, जब लोग नींद की आगोश में होते हैं.

  • नागा साधु कुंभ मेले के दौरान अपनी विशेष आध्यात्मिक साधना और परंपराओं का पालन करने के लिए एकत्र होते हैं. फोटो: Pexels
    नागा साधु कुंभ मेले के दौरान अपनी विशेष आध्यात्मिक साधना और परंपराओं का पालन करने के लिए एकत्र होते हैं. फोटो: Pexels
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  • मेले के बाद, वे अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं. ये अखाड़े भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित होते हैं और नागा साधु वहां ध्यान, योग और तपस्या करते हैं. फोटो: ANI
    मेले के बाद, वे अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं. ये अखाड़े भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित होते हैं और नागा साधु वहां ध्यान, योग और तपस्या करते हैं. फोटो: ANI
  • इसके अलावा, कुछ नागा साधु हिमालय या जंगलों में जाकर एकांतवास में साधना करना पसंद करते हैं. फोटो: ANI
    इसके अलावा, कुछ नागा साधु हिमालय या जंगलों में जाकर एकांतवास में साधना करना पसंद करते हैं. फोटो: ANI
  • नागा साधुओं का जीवन वैराग्य और तपस्या पर आधारित होता है. फोटो: ANI
    नागा साधुओं का जीवन वैराग्य और तपस्या पर आधारित होता है. फोटो: ANI
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  • कहा जाता है कि कई नागा साधुओं को खुले वातावरण में रहना पसंद होता है. इसलिए वे कुंभ के बाद तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निकल जाते हैं. हालांकि अब कुछ नागा साधु अपने अखाड़ों के प्रशिक्षण केंद्रों में भी अपना समय देते हैं. फोटो: ANI
    कहा जाता है कि कई नागा साधुओं को खुले वातावरण में रहना पसंद होता है. इसलिए वे कुंभ के बाद तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निकल जाते हैं. हालांकि अब कुछ नागा साधु अपने अखाड़ों के प्रशिक्षण केंद्रों में भी अपना समय देते हैं. फोटो: ANI